E Commerce Kya hai : इस लेख में हम बताने जा रहे हैं कि E Commerce Kya hai और E Commerce Meaning in Hindi.
इस लेख में शामिल अन्य महत्वपूर्ण टॉपिक्स – e commerce kya hai | e commerce in Hindi | e commerce meaning in Hindi | scope of e commerce | what is e commerce in Hindi
यह लेख करिअर से संबंधित जानकारी के लिए अधिक महत्वपूर्ण है। क्योंकि यहाँ हमनें E Commerce के इतिहास वगैरह से संबंधित जानकारी कम दी है और इस विषय पर विस्तृत जानकारी दी है कि E Commerce Kya hai और E Commerce में करिअर की क्या संभावनाएं हैं।
आजकल E Commerce का विस्तार होता जा रहा है और इसीलिए Career in E Commerce की भी बहुत अच्छी संभावनाएं हैं। ई-कॉमर्स के उदय ने भारत में Retail Industry को पूरी तरह से बदल दिया है, और साथ ही टेक्नॉलजी और बिजनस में जानकारी रखने वाले व्यक्तियों के लिए करियर के कई अवसर खोल दिए हैं।
ऑनलाइन खरीदारी की सुविधा और लोकप्रियता बढ़ने के साथ ही बड़े-बड़े व्यवसायी ई-कॉमर्स में अधिक निवेश कर रहे हैं, जिससे इस क्षेत्र में कुशल पेशेवरों (Professional) की मांग बढ़ रही है। तकनीक और इंटरनेट की आसान उपलब्धता के कारण बहुत सारी कंपनियां E Commerce के क्षेत्र में आ रही हैं। जिसके कारण E Commerce में करियर के द्वार खुल रहे हैं।
इस संदर्भ में, प्रौद्योगिकी और खुदरा क्षेत्रों में काम करने की इच्छा रखने वालों के लिए भारत में ई-कॉमर्स में करियर एक लाभदायक विकल्प हो सकता है।
इस ब्लॉग पोस्ट में भारत में ई-कॉमर्स में विभिन्न कैरियर विकल्पों, आवश्यक कौशल और योग्यता, और इस उद्योग में विकास और उन्नति की संभावनाओं के बारे में बताया गया है। इस लेख में हमने बताया है कि E Commerce के क्षेत्र में कौन-कौन से करियर के विकल्प (Career in E Commerce) हैं।
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लेकिन सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि E Commerce kya hai या E Commerce meaning in Hindi
E Commerce kya hai / E Commerce Meaning in Hindi
E Commerce Full Form होता है- Electronic Commerce
यहाँ Commerce का मतलब किसी विषय (subject) से नहीं है। बल्कि इसका अर्थ है- कमर्शियल गतिविधियां।
यानि कि ऐसी कमर्शियल गतिविधियां जो इंटरनेट का उपयोग करके ऑनलाइन की जाती हों उन्हें E Commerce कहते हैं। इन कमर्शियल गतिविधियों के अंतर्गत इंटरनेट के माध्यम से सामानों की खरीद / बिक्री करना, मुद्रा का लेनदेन करना, सेवाओं की खरीद / बिक्री करना आदि आते हैं।
इन कमर्शियल गतिविधियों के लिए कुछ महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म हैं- Flipkart, Amazon, Paytm, Myntra, Alibaba, eBay, Shopify, Walmart etc.
इस तरह E Commerce का मतलब इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से सामानों और सेवाओं की खरीद और बिक्री। इसमें एक तरफ एक विक्रेता होता है जो किसी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का प्रयोग करके सामान या सेवा बेच रहा है और दूसरी तरफ customers होते हैं जो उन सामानों या सेवाओं के बदले ऑनलाइन पेमेंट करते हैं।
यदि आपने भी ऑनलाइन सामानों या सेवाओं की खरीदारी की है तो आपने भी E Commerce का उपयोग किया है।
Types of E Commerce in Hindi / ई-कॉमर्स के प्रकार
E Commerce की परिभाषा के अनुसार हम देखते हैं कि इसमें कोई एक सामान बेच रहा होता है तो कोई उसे खरीद रहा होता है।
लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सामान या सेवा बेचने वाला हमेशा कोई Business प्लेटफॉर्म होगा और खरीदने वाला कोई Consumer होगा। यह लेनदेन Business और Business या Consumer और Consumer के बीच भी हो सकता है।
इस तरह लेनदेन यानि Transaction में शामिल Parties के आधार पर E Commerce मुख्यतया छह प्रकार के होते हैं। ये इस प्रकार हैं-
- Business-to-Business (B2B)
- Business-to-Consumer (B2C)
- Consumer-to-Consumer (C2C)
- Consumer-to-Business (C2B).
- Business-to-Administration (B2A)
- Consumer-to-Administration (C2A)
अब हम एक-एक करके इन सभी प्रकार के E Commerce के बारे में संक्षिप्त में जानकारी देंगे।
Business-to-Business (B2B)
Business-to-Business E Commerce का वह मॉडल है जिसमें दो या दो से अधिक व्यवसायों/कंपनियों के बीच उत्पादों, सेवाओं या सूचनाओं के इलेक्ट्रॉनिक आदान-प्रदान शामिल है।
आमतौर पर B2B मॉडल में निर्माता और पारंपरिक थोक व्यापारी शामिल होते हैं और फिर ये थोक व्यापारी आगे खुदरा व्यापारियों से डील करते हैं। यानि B2B मॉडल में किसी भी प्रकार से consumer शामिल नहीं होते हैं।
B2B E Commerce मॉडल के प्रमुख उदाहरण हैं- Amazon, Alibaba, IndiaMart, Trade India आदि।
Business-to-Consumer (B2C)
E Commerce के इस मॉडल में कोई कंपनी अपना सामान, सेवाएं या सूचनाएं सीधे Consumer यानि उपभोक्ता को बेचती है।
आजकल B2C E Commerce से संबंधित कई वेबसाइट्स हैं जहां Consumer अपने पसंदीदा उत्पाद को सर्च करते हैं और ऑर्डर कर देते हैं। उसके बाद वह कंपनी सीधे उस उपभोक्ता के पास उत्पाद भेज देती है।
इस समय सबसे लोकप्रिय B2C E Commerce के उदाहरण हैं- Amazon, Flipkart, Jabong, Myntra आदि।
Consumer-to-Consumer (C2C)
Consumer-to-Consumer E Commerce या C2C में केवल निजी व्यक्तियों या उपभोक्ताओं (Consumers) के बीच सामानों की ऑनलाइन खरीद-बिक्री की जाती है। इस मॉडल में एक उपभोक्ता दूसरे उपभोक्ता से सीधे संपर्क करता है। इनके बीच कोई कंपनी शामिल नहीं होती है। लेकिन एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म होता है जिसके माध्यम से ये दोनों उपभोक्ता एक दूसरे से जुडते हैं।
ये प्लेटफ़ॉर्म अपने उपयोगकर्ताओं को उत्पादों और सेवाओं की खरीद-बिक्री करने के लिए सुविधा प्रदान करते हैं। इसके बदले ये प्लेटफ़ॉर्म एक छोटा सा कमीशन प्राप्त करते हैं या कभी-कभी फ्री में भी सर्विस प्रदान करती हैं।
इस तरह के कुछ प्रसिद्ध प्लेटफॉर्म हैं – Olx, Quikr आदि।
Consumer-to-Business (C2B)
यह B2C के पारंपरिक वाणिज्य मॉडल के ठीक विपरीत है। इस प्रकार के ई-कॉमर्स में उपभोक्ता अपने उत्पादों और सेवाओं को कंपनियों के लिए ऑनलाइन उपलब्ध कराते हैं।
इस तरह यह e commerce का पारंपरिक मॉडल नहीं है। यहां कोई कंपनी जिस उपभोक्ता से उत्पाद या सेवा खरीद रही है तो यह जरूरी नहीं है कि वह उपभोक्ता अपने स्वयं के व्यवसाय का संचालन कर रहा हो।
इस e commerce मॉडल के सबसे महत्वपूर्ण उदाहरण हैं- Freelance Websites
जैसा कि आपको पता होगा कि Freelance websites पर कोई भी व्यक्ति अपने Freelance work को बेच सकता है। यहाँ उसे clients उपलब्ध कराए जाते हैं। जैसे कोई IT Freelancer अपने किसी सॉफ्टवेयर को इन websites पर बेचता है और client के तौर पर कोई कंपनी इसे खरीदती है।
इसी तरह एक अन्य उदाहरण है – iStock वेबसाईट जहां कोई फोटोग्राफर अपने फोटो बेचता है।
E Commerce के फायदे और नुकसान / Advantages and disadvantages of E Commerce
ई-कॉमर्स हाल के वर्षों में भारत में तेजी से लोकप्रिय हो गया है। इंटरनेट और मोबाइल फोन के उपयोग में वृद्धि के साथ, अधिक से अधिक उपभोक्ता खरीदारी करने के सुविधाजनक और प्रभावी तरीके के रूप में ऑनलाइन खरीदारी की ओर मुड़ रहे हैं।
भारत में ई-कॉमर्स के कई फायदे हैं, जिसमें उत्पादों और सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला तक पहुंच प्रदान करना, प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण की पेशकश करना और व्यवसायों को बड़े ग्राहक आधार तक पहुंचने में सक्षम बनाना शामिल है।
हालाँकि, भारत में ई-कॉमर्स के कुछ नुकसान भी हैं, जिनमें भुगतान और वितरण प्रणाली की चुनौतियाँ, व्यक्तिगत स्पर्श और ग्राहक सेवा की कमी और धोखाधड़ी और साइबर अपराध का खतरा शामिल हैं। इस संदर्भ में, इस बढ़ते उद्योग की अधिक व्यापक समझ हासिल करने के लिए भारत में ई-कॉमर्स के लाभ और कमियों दोनों की जांच करना महत्वपूर्ण है।
ई-कॉमर्स के फायदे / Advantages of E Commerce in Hindi
ई-कॉमर्स भारत में समान रूप से व्यवसायों और उपभोक्ताओं के लिए गेम-चेंजर के रूप में उभरा है। ऑनलाइन लेन-देन करने की क्षमता ने कई लाभ प्रदान किए हैं, विशेष रूप से भारत जैसे बड़े और विविध देश में। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम भारत में ई-कॉमर्स के लाभों पर चर्चा करेंगे।
1. वैश्विक बाजार तक पहुँच (Global Reach) : ई-कॉमर्स का मुख्य लाभ यह है कि यह ई-कॉमर्स विक्रेताओं को वैश्विक पहुंच प्रदान करता है और इसके लिए बहुत बड़े निवेश की जरूरत भी नहीं पड़ती है।
इसमें यह जरूरी नहीं कि विक्रेता या खरीदार एक ही क्षेत्र, स्थान या देश के होने चाहिए। यानि e Commerce किसी भी भौगोलिक सीमाओं की बाधा को समाप्त कर देता है।
उदाहरण के लिए भारत में बैठा कोई व्यक्ति, किसी अन्य देश के व्यक्ति से कोई सॉफ्टवेयर या फोटो खरीदना चाहता है तो वह ऑनलाइन खरीद सकता है और यह e commerce से संभव है।
2) सामान की कम कीमत : e commerce के अंतर्गत सामान सीधे फाइनल consumer तक पहुँच जाते हैं यानि बीच के कई level पूरी तरह से हट जाते हैं। इससे कंपनियों को अन्य लोगों को पैसे देने की जरूरत नहीं पड़ती है और ना ही किसी maintenance में खर्च करना पड़ता है।
इस तरह कंपनियां कम कीमत पर भी सामान बेचकर बढ़िया मुनाफा कमा लेती है और consumer को सस्ते में सामान भी मिल जाते हैं।
3) गुणवत्तापूर्ण सेवा मिलती है – e commerce के कारण आपूर्तिकर्ताओं और ग्राहकों के की दूरी कम हो जाती है। कई आपूर्तिकर्ता उन ग्राहकों से संपर्क करने की कोशिश करते हैं जिसके परिणामस्वरूप कंपनियों के लिए उत्पादकता और प्रतिस्पर्धा में वृद्धि होती है। नतीजतन, उपभोक्ता को मिलने वाली गुणवत्तापूर्ण सेवा में सुधार के साथ लाभ होता है।
4) 24/7 उपलब्धता – e commerce के कारण अब उपभोक्ताओं के पास वर्चुअल स्टोर उपलब्ध हैं जो 24 घंटे खुले रहते हैं। इससे उपभोक्ता किसी भी समय ऑनलाइन सामान देख सकते हैं और खरीदारी कर सकते हैं।
5) त्वरित डिलीवरी- e commerce में ग्राहकों को सामान खरीदने में तो कम मेहनत लगती ही है साथ ही यह सामान की त्वरित डिलीवरी प्रदान करता है। ग्राहकों की शिकायतों को दूर करने के लिए भी e commerce कंपनियों के पास चौबीसों घंटे customer service उपलब्ध रहता है। इससे उपभोक्ताओं और कंपनी दोनों के लिए समय और ऊर्जा की बचत होती है।
ई-कॉमर्स के नुकसान / Disadvantages of E Commerce
हमारे देश में भी अब ई-कॉमर्स जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन गया है, जहां ई-कॉमर्स दिग्गज कंपनियों जैसे अमेज़ॅन, फ्लिपकार्ट और अन्य ने बाजार में एक महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज की है। इन ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ने भारतीयों के खरीदारी करने के तरीके में क्रांति ला दी है। उपभोक्ताओं के लिए कई प्रकार की सुविधाएं तो दी ही हैं साथ ही अपने पसंद के सामान चुनने के लिए एक विस्तृत श्रृंखला भी उपलब्ध कराई है।
लेकिन, इन लाभों के साथ ई-कॉमर्स से जुड़ी कुछ नुकसान या चिंताएँ भी मौजूद हैं। ये नुकसान उपभोक्ताओं और व्यवसायियों दोनों से संबंधित हैं। पहले हम उपभोक्ताओं से संबंधित नुकसान के बारे में बात करेंगे।
उपभोक्ताओं से संबंधित नुकसान
1) कस्टमर सर्विस – e commerce में भले ही चौबीसों घंटे customer service उपलब्ध होती है लेकिन एक दुकान पर जब आप किसी क्लर्क या cashier से बात करते हैं तो अपनी बात अच्छे से रख पाते हैं। किसी-किसी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर customer executive तक पहुंचना भी आसान नहीं होता है।
2) नकली या खराब गुणवत्ता वाले उत्पाद की संभावना : वेबसाईट पर आप सामान के अच्छे फोटो तो देख सकते हैं और उनके specifications भी जान सकते हैं, लेकिन उन्हें छूकर अनुभव नहीं कर सकते हैं। इससे सामान के गुणवत्ता के बारे में जानना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। इसलिए बहुत सारे मामलों में customer को सामान मिलने के बाद वापस करने की जरूरत पड़ जाती है।
उसी तरह नकली उत्पादों की बिक्री के कारण भी कभी-कभी उपभोक्ताओं को नुकसान उठाना पड़ता है। विशेषकर भारत में नकली उत्पाद को नियंत्रित करने में असमर्थता के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स की आलोचना की गई है। इन प्लेटफॉर्म्स पर कई विक्रेता नकली या निम्न-गुणवत्ता वाले उत्पाद बेचते हैं, जो न केवल ग्राहकों को धोखा देते हैं बल्कि वास्तविक ब्रांडों की प्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुंचाते हैं।
3) ऑनलाइन सुरक्षा को लेकर डर : जब आप ऑनलाइन खरीदारी करते हैं तो आपको अपनी कई पर्सनल डीटेल देनी होती है। यदि क्रेडिट या डेबिट कार्ड से भुगतान करते हैं तो उसके बारे में भी जानकारी देनी होती है। e commerce से संबंधित वेबसाईट पर हैकर की नजर रहती है और आपके पर्सनल इनफार्मेशन के चोरी होने का डर रहता है।
कभी-कभी customer भविष्य में आसानी के लिए अपने पर्सनल इनफार्मेशन को इन websites पर सेव कर देते हैं। हैकर इन्हें भी चुरा सकते हैं।
4) बिक्री के बाद सेवा सहायता / After Sale Service Support : e commerce वेबसाईट की यह सबसे बड़ी समस्या है कि सामान बेचने के बाद अच्छा सर्विस सपोर्ट नहीं देते हैं और कुछ मामलों में एकदम से नहीं देते हैं। ऐसे स्थिति में consumer को खरीदे गए सामान को कहीं और सही करवाना होता है। इससे उस consumer के पैसे और समय की बर्बादी होती है।
5) सामान मिलने में देरी (wait time): जब आप बाजार से सामान खरीदते हैं तो हाथ-के-हाथ सामान लेकर आते हैं या दुकानदार डेलीवेरी दे देता है। लेकिन अधिकतर e commerce websites सामान डिलिवर करने में कुछ दिनों का समय लेती हैं। कभी-कभी बुकिंग के समय दिए गए delivery slot में भी सामान नहीं मिलता है। इससे consumer को असुविधा तो होती ही है, कभी-कभी कोई जरूरी काम भी रुक जाता है।
व्यवसाय से संबंधित नुकसान
1) अनुचित प्रतिस्पर्धा (Unfair competition): ई-कॉमर्स से संबंधित दिग्गज कंपनियों पर अनुचित प्रतिस्पर्धा का आरोप लगाया जाता रहा है। वे अक्सर उत्पाद विक्रेताओं के साथ विशेष गठजोड़ का सहारा लेकर भारी छूट पर उत्पाद बेचते हैं। इससे वे अक्सर छोटे खुदरा विक्रेताओं को नुकसान में डालते हैं। जिसके कारण छोटे खुदरा विक्रेताओं को लगता है कि उन्हें व्यवसाय से बाहर किया जा रहा है और उनके अंदर विरोध भी जन्म लेने लगा है।
2) एकाधिकार (Monopoly) : ऐसा माना जा रहा है कि ई-कॉमर्स दिग्गजों का इतना दबदबा हो गया है कि उन्होंने बाजार पर एकाधिकार करना शुरू कर दिया है। इससे कीमतों को नियंत्रित करने, आपूर्तिकर्ताओं पर हावी होने और कड़ी प्रतिस्पर्धा की उनकी क्षमता पर चिंता पैदा हुई है। इस तरह के एकाधिकारवादी व्यवहार के पूरे बाजार के लिए नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं, जिसमें उच्च कीमतें और उपभोक्ताओं के लिए कम विकल्प शामिल हैं।
E-Commerce में करिअर / Career in E Commerce
E commerce के क्षेत्र में बहुत तेजी से विस्तार हो रहा है और इसलिए यह बहुत बड़े स्तर पर लोगों की जरूरत पड़ेगी।
भारत में भी E-Commerce क्षेत्र तेजी से वृद्धि कर रहा है जिसके कारण यहाँ भी जॉब मिलने की संभावना बढ़ती जा रही है। इस क्षेत्र में कभी भी कमी के संकेत नहीं दिखे हैं। इस देश में कुछ ऐसे शहर हैं जहां e commerce में job opportunities अधिक हैं। इन शहरों में प्रमुख हैं- Bangalore, Mumbai, Delhi, Kolkata, Hyderabad
जिन छात्रों ने अपनी डिग्री पूरी कर ली है, वे इन शहरों में विभिन्न ई-कॉमर्स क्षेत्रों में जा सकते हैं। यहाँ e commerce के क्षेत्र में मुख्य रूप Software Solution Firms, Online Auction Services, Business Process Outsourcing, E-Business Solutions Companies जैसे जगहों पर काम मिलने की संभावना अधिक रहती है।
इन कॉम्पनियों में कई तरह के पोस्ट होते हैं और आपके काम के अनुभव तथा डिग्री के आधार पर उन posts पर आपको जॉब मिल सकती है। इनमें जो प्रमुख पोस्ट्स हैं, वे हैं- Customer Relation Manager, Project Manager, E-Business Consultant, Database Administrator, Business Analyst, Supply Chain Manager आदि।
E commerce के क्षेत्र में काम करने के बाद जब अच्छा ज्ञान और अनुभव हो जाता है तो आप अपना खुद का कोई e commerce फर्म खोल सकते हैं। यानि आप एक entrepreneur की तरह काम कर सकते हैं और कुछ लोगों को काम पर भी रख सकते हैं। हाल के कुछ सालों में इस तरह के कई entrepreneurs ने e-commerce के क्षेत्र में अच्छी सफलता हासिल की है।
E-commerce के क्षेत्र में करिअर बनाने के लिए निम्नलिखित कुछ महत्वपूर्ण विकल्प हैं-
1. ई-कॉमर्स मार्केटिंग और बिक्री (E-Commerce Marketing and Sales) –
ई-कॉमर्स में सबसे लोकप्रिय करियर विकल्पों में में से एक मार्केटिंग और बिक्री है। ई-कॉमर्स व्यवसायों को ऐसे व्यक्तियों की आवश्यकता होती है जो अपने उत्पादों और सेवाओं को ऑनलाइन बढ़ावा देने के लिए प्रभावी मार्केटिंग स्ट्रैटिजी को विकसित कर सकें और उन्हें Implement कर सकें।
ई-कॉमर्स मार्केटिंग और बिक्री में ऐसे व्ययक्तियों की जो जिम्मेदारियां होती हैं उनमें search engine optimization (SEO), social media marketing, email marketing और pay-per-click (PPC) advertising शामिल हैं। इन कामों के लिए ऐसे प्रोफेशनल की जरूरत होती है जिनके पास बहुत बढ़िया कम्यूनिकेशन स्किल हो, क्रिएटिव सोच हो और डिजिटल मार्केटिंग ट्रेंड्स को अच्छी तरह से समझ सकें।
2. ई-कॉमर्स संचालन और लोजिस्टिक्स (E-Commerce Operations and Logistics)
ई-कॉमर्स संचालन और लोजिस्टिक्स से जुड़े प्रोफेशनल यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार हैं कि उत्पादों को समय पर और अच्छी स्थिति में ग्राहकों तक पहुंचाया जाए। इसके लिए उनके पास आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन (supply chain management), सूची प्रबंधन (inventory management) और शिपिंग और डेलीवेरी प्रोसेस (shipping and delivery processes) की गहरी समझ होनी चाहिए। इन भूमिकाओं के लिए ऐसे उम्मीदवारों की जरूरत होती है जो बढ़िया तरीके से एक समय सीमा के अंदर काम करने में सक्षम हों।
3. ई-कॉमर्स वेबसाइट डेवलपमेंट और डिजाइन (E-Commerce Website Development and Design)
ई-कॉमर्स के अंतर्गत करिअर बनाने का एक अन्य प्रमुख क्षेत्र है ई-कॉमर्स वेबसाइट डेवलपमेंट और डिजाइन। ई-कॉमर्स व्यवसाय में एक अच्छी तरह से डिज़ाइन की गई और यूजर फ़्रेंडली वेबसाइट की आवश्यकता होती है। इससे उपभोक्ताओं को आसानी से ऑनलाइन खरीदारी या लेनदेन की सुविधा मिलती है। इसलिए यदि आप ई-कॉमर्स वेबसाइट डेवलपमेंट और डिजाइन के क्षेत्र में करिअर बनाना चाहते हैं तो आपकी HTML, CSS और JavaScript में पकड़ होनी चाहिए। साथ ही एक यूजर फ़्रेंडली वेबसाईट डिजाइन करने वाली क्रीऐटिवटी भी होनी चाहिए।
4. ई-कॉमर्स डेटा एनालिसिस और एनालिटिक्स (E-Commerce Data Analysis and Analytics)
ई-कॉमर्स व्यवसाय कस्टमर के पसंद / नापसंद के बारे में जानकारी लेने के लिए डेटा पर बहुत अधिक निर्भर करते हैं। यह जानने के लिए ई-कॉमर्स व्यवसाय में डेटा एनालिसिस और एनालिटिक्स प्रोफेशनल की जरूरत पड़ती है। इन भूमिकाओं के लिए उम्मीदवारों को Google Analytics जैसे डेटा एनालिसिस टूल में कुशल होना चाहिए और उन्हें Statistical Analysis और Data Visualization की अच्छी समझ होनी चाहिए।
5. ई-कॉमर्स कस्टमर सर्विस (E-Commerce Customer Service)
अंत में, ई-कॉमर्स व्यवसायों को ऐसे व्यक्तियों की आवश्यकता होती है जो ऑनलाइन खरीददारों को उत्कृष्ट ग्राहक सेवा (customer service) प्रदान कर सकें। ई-कॉमर्स क्षेत्र में Customer Service की नौकरी पाने के लिए उम्मीदवारों के पास एक बेहतर कम्यूनिकेशन स्किल और साथ ही ग्राहकों के मुद्दों को जल्दी और प्रभावी ढंग से हल करने की क्षमता होनी चाहिए।
E-commerce में करिअर के लिए जरूरी स्किल-
- आपको इंटरनेट का अच्छा ज्ञान होना चाहिए।
- Website Designing का ज्ञान होना चाहिए
- E commerce से संबंधित कुछ जरूरी applications का ज्ञान होना चाहिए
- वेबसाईट बनाने वाले application (website creation applications), जैसे CorelDraw, Fireworks, Dreamweaver, Photoshop आदि का ज्ञान होना चाहिए।
- लिखने और communication का अच्छा स्किल होना चाहिए
- इनके अलावा e commerce क्षेत्र की अच्छी जानकारी हो तो यह आपके लिए और भी बढ़िया रहेगा।
यदि आपके पास Business Administration, Marketing या Information Technology में डिग्री है तो ये ई-कॉमर्स में करियर बनाने के लिए मददगार हो सकती हैं। हालाँकि, अनुभव और on-the-job training भी इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए महत्वपूर्ण हैं। कई ई-कॉमर्स बिजनस इंटर्नशिप या एंट्री लेवल पदों की पेशकश करते हैं जो ई-कॉमर्स उद्योग में आगे बढ़ने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण और अनुभव प्रदान कर सकते हैं।
E-commerce क्षेत्र में सैलरी
भारत में ई-कॉमर्स क्षेत्र में Fresh recruits को औसतन 3 से 4 लाख सालाना सैलरी मिलने की उम्मीद रहती है। यह सैलरी पोस्ट के हिसाब से भी ऊपर-नीचे हो सकती है।
जैसे-जैसे अनुभव बढ़ता है सैलरी भी अच्छी खासी बढ़ जाती है। लगभग चार-पाँच साल के अनुभव के बाद औसतन सैलरी 5 लाख सालाना से ऊपर हो जाती है।
इस तरह आपका अच्छा skill, अच्छा अनुभव और बढ़िया educational डिग्री आपको अच्छी-खासी सैलरी दिलवा सकते हैं।
E Commerce Kya hai : निष्कर्ष
ई-कॉमर्स ना केवल एक आशाजनक कैरियर बल्कि इसमें विकास और उन्नति की संभावना भी प्रदान करता है। भारत में ऑनलाइन खरीदारी की निरंतर वृद्धि के साथ, ई-कॉमर्स व्यवसायों का विस्तार जारी रहने की संभावना है, जिससे इस क्षेत्र में अधिक रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इसके अलावा, जैसे-जैसे ई-कॉमर्स व्यवसाय अधिक जटिल होते जा रहे हैं, वैसे-वैसे इस क्षेत्र में स्पेशलिस्ट और विशेषज्ञता वाले व्यक्तियों की अधिक आवश्यकता होगी।
व्यावसायिक दृष्टि से देखे तो ई-कॉमर्स उन लोगों के लिए एक बहुत बढ़िया और रोमांचक विकल्प हो सकता है जो प्रौद्योगिकी और खुदरा क्षेत्र (retail sectors) में प्रवेश करना चाहते हैं। और यदि इसमें जॉब की दृष्टि से देखें तो Marketing and sales, Operations and Logistics, Website Development and design, Data Analysis and Analytics और Customer Service जैसे अवसर उपलब्ध हैं। ई-कॉमर्स पेशेवर भारत में सबसे तेजी से बढ़ते उद्योगों में से एक में एक है और सही योग्यता, कौशल और अनुभव के साथ इसमें शानदार करियर का आनंद ले सकते हैं।
E Commerce Kya hai : FAQs
E Commerce kya hai / What is e-commerce?
ई-कॉमर्स का अर्थ है डिजिटल चैनलों के माध्यम से ऑनलाइन उत्पादों और सेवाओं की खरीद और बिक्री।
E Commerce कितने प्रकार का होता है?
Transaction में शामिल Parties के आधार पर E Commerce मुख्यतया छह प्रकार के होते हैं। ये इस प्रकार हैं-
Business-to-Business (B2B), Business-to-Consumer (B2C), Consumer-to-Consumer (C2C), Consumer-to-Business (C2B), Business-to-Administration (B2A), Consumer-to-Administration (C2A)
B2B का पूरा नाम क्या है?
B2B का पूरा नाम Business-to-Business है। इसमें दो या दो से अधिक व्यवसायों/कंपनियों के बीच उत्पादों, सेवाओं या सूचनाओं के इलेक्ट्रॉनिक आदान-प्रदान शामिल है।
B2B और B2C में क्या अंतर है?
B2B में जहाँ दो या दो से अधिक व्यवसायों/कंपनियों के बीच उत्पादों, सेवाओं या सूचनाओं के इलेक्ट्रॉनिक आदान-प्रदान शामिल है वहीं B2C मॉडल में कोई कंपनी अपना सामान, सेवाएं या सूचनाएं सीधे Consumer यानि उपभोक्ता को बेचती है।
भारत में ई-कॉमर्स का भविष्य क्या है / What is the future of e-commerce in India?
स्मार्टफोन और इंटरनेट की बढ़ती पहुंच के साथ, भारत में ई-कॉमर्स क्षेत्र के आने वाले वर्षों में बढ़ने और फलने-फूलने की उम्मीद है। अधिक व्यवसायों से ई-कॉमर्स को अपनाने की उम्मीद है, और उपभोक्ताओं से उनकी खरीदारी की जरूरतों के लिए तेजी से ई-कॉमर्स की ओर रुख करने की उम्मीद है।
भारत में ई कॉमर्स का क्या महत्व है और ई-कॉमर्स की वर्तमान स्थिति क्या है?
जैसे-जैसे भारत में उपभोक्ताओं तक इंटरनेट की पहुंच बढ़ रही है वैसे-वैसे ई-कॉमर्स भी तेजी से बढ़ रहा है। साथ ही सरकार की नीतियाँ भी e commerce के अनुकूल हैं।
ई-कॉमर्स में रोजगार के क्या अवसर हैं / What are the job opportunities in e-commerce?
ई-कॉमर्स के क्षेत्र में डिजिटल मार्केटिंग, उत्पाद प्रबंधन, डेटा एनालिटिक्स, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट और कस्टमर सर्विस जैसे नौकरी के अवसर उपलब्ध हैं।
ई-कॉमर्स में काम करने के लिए कौन से स्किल आवश्यक हैं / What skills are required to work in e-commerce?
ई-कॉमर्स में काम करने के लिए आवश्यक कुछ प्रमुख स्किल में डिजिटल मार्केटिंग, डेटा विश्लेषण, कोडिंग, ग्राहक सेवा और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट शामिल हैं।
भारत में ई-कॉमर्स प्रोफेशनल को कितनी सैलरी मिलने की संभावना रहती है?
भारत में ई-कॉमर्स प्रोफेशनल के लिए सैलरी उसकी भूमिका, अनुभव और कंपनी के आधार पर भिन्न होती है। एंट्री लेवल रोल में कंपनियां 3 से 4 लाख रुपये प्रतिवर्ष सैलरी के लिए पेशकश कर सकती हैं। जबकि Senior Position के लिए 20 लाख प्रति वर्ष तक सैलरी मिल सकती है।
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