केन्द्रीय कर्मचारियों को मिलने वाले Allowances में Home Rent Allowance बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। उन्हें यह 7th CPC HRA Rules के अनुसार उनकी सैलरी में जोड़ कर दिया जाता है।
जैसा कि आप यह जानते होंगे कि एक सरकारी कर्मचारी की सैलरी में कुछ महत्वपूर्ण Allowances भी जुड़े होते हैं जो सभी कर्मचारियों को मिलते हैं जैसे कि Dearness Allowance, Transport Allowance आदि।
इन्हीं में से एक Home Rent Allowance भी होता है, लेकिन यह सभी सरकारी कर्मचारियों की सैलरी के साथ नहीं जुड़ा होता है।
इस लेख में हम यही बताने वाले हैं कि एक सरकारी कर्मचारी की सैलरी में Home Rent Allowance को कब जोड़ा जाता है और कब नहीं।
साथ ही हम यह भी बताएंगे कि Home Rent Allowance के दर का निर्धारण कैसे होता है और इसके लिए किस आधार पर भारत के शहरों का classification यानि वर्गीकरण किया गया है।
तो सबसे पहले हम बताने वाले हैं कि सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाला Home Rent Allowance क्या होता है?
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HRA Rules के अनुसार Home Rent Allowance क्या होता है?
जब कोई सरकारी कर्मचारी किसी ऐसे शहर में तैनात हो जहां पर उसका अपना निजी मकान नहीं है तो अधिकतर संभावना होती है कि वह या तो किसी प्राइवेट मकान में रेंट चुका कर रह रहा हो या किसी Government Quarters में रह रहा हो।
यदि वह सरकारी कर्मचारी किसी प्राइवेट मकान में रेंट चुका कर रह रहा है तो उसके बदले सरकार की तरह से उसे HRA Rules के अनुसार एक Allowance दिया जाता है जिसे Home Rent Allowance कहा जाता है।
लेकिन HRA Rules में इसका एक दर निर्धारित है और यह दर उस शहर के अनुसार तय किया जाता है। ऐसा नहीं है कि वह जितना भी रेंट उस प्राइवेट मकान के लिए चुका रहा है उतना उसे सरकार की तरफ से दे दिया जाएगा।
भारत सरकार की तरफ से Home Rent Allowance के दर का निर्धारण करने के लिए भारतीय शहरों का वर्गीकरण किया गया है और उसी आधार पर उस सरकारी कर्मचारी को Home Rent Allowance मिलता है।
लेकिन यह Home Rent Allowance उस सरकारी कर्मचारी को नहीं मिलता है जो किसी Government Quarters यानि सरकारी आवास में रहता हो। चाहें वह किसी भी पद का सरकारी कर्मचारी हो या उसकी पोस्टिंग किसी भी शहर में हो।
Home Rent Allowance की गणना
जैसा कि हमने पहले ही बताया है कि किसी भी ऐसे सरकारी कर्मचारी को जो किसी प्राइवेट मकान में रहता हो तो उसे एक निश्चित दर से Home Rent Allowance दिया जाता है और यह हर महीने उसकी सैलरी में जोड़ कर दिया जाता है।
यानि यह अलग से नहीं दिया जाता है और ना ही Home Rent Allowance के लिए उस कर्मचारी को किसी तरह का claim करना होता है।
हम यहाँ यह बताने वाले हैं कि किसी सरकारी कर्मचारी को मिलने वाले Home Rent Allowance की गणना (Calculation) कैसे करते हैं और क्या यह उसके पद के अनुसार मिलता है?
इसके लिए हम पहले किसी पद को उदाहरण के तौर पर लेंगे, जैसे कि मान लीजिए वह GST ऑफिस में इन्स्पेक्टर के पद पर Fresh recruit किया गया हो तो उसे कितना Home Rent Allowance मिलेगा।
तो सबसे पहले हम 7th Pay Commission के Pay Matrix के अनुसार उस नए GST Inspector का Basic Pay पता करेंगे
जैसा कि आपको पता होगा कि 6th Pay Commission के अनुसार एक GST Inspector का Grade Pay 4600/- रुपये है। 7th Pay Commission के Pay Matrix के अनुसार 4600 Grade Pay का Pay Level 7 है। इस तरह एक नए GST Inspector का Basic Pay Rs.44900/- होगा।
वर्तमान में HRA का दर X, Y Z क्लास शहरों के लिए क्रमशः 27 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 9 प्रतिशत है। अब हम यह मान कर चल रहे हैं कि वह GST Inspector किसी X क्लास शहर में पोस्टेड है तो उसे मिलने वाला Home Rent Allowance होगा-
HRA = Basic Pay का 27% = Rs.44900/- का 27% = Rs.12,123/-
यदि वह GST Inspector किसी सरकारी आवास में नहीं रहता है तो उसकी सैलरी में HRA के रूप में 12,123 रुपये जोड़ दिए जाएंगे।
इस तरह किसी सरकारी कर्मचारी के लिए Home Rent Allowance की गणना की जाती है।
HRA की गणना के लिए शहरों का वर्गीकरण / X, Y, Z Class Cities
केंद्र सरकार ने केन्द्रीय कर्मियों के HRA की गणना के लिए भारतीय शहरों का वर्गीकरण यानि classification तीन वर्गों में किया हुआ है। यह वर्गीकरण उन शहरों के जनसंख्या के आधार पर किया गया है। शहरों का वर्गीकरण इस प्रकार है
- X Class Cities- इस क्लास के अंतर्गत ऐसे शहर आते हैं जिनकी जनसंख्या 50 लाख से अधिक हो।
- Y Class Cities- इस क्लास के अंतर्गत ऐसे शहर आते हैं जिनकी जनसंख्या 20 लाख से अधिक और 50 लाख से कम हो।
- Z Class Cities- इस क्लास के अंतर्गत ऐसे शहर आते हैं जिनकी जनसंख्या 20 लाख से कम हो।
X Class Cities के अंतर्गत कुल 8 शहर, Y Class Cities के अंतर्गत 79 शहर और शेष बचे शहर और ऐसे केंद्र शासित प्रदेश जो ना X Class cities में हैं और ना ही Y class cities में वे सभी Z Class Cities के अंतर्गत आते हैं।
Conclusion-
HRA किसी भी सरकारी कर्मचारी के सैलरी का एक महत्वपूर्ण भाग होता है। लेकिन HRA Rules अनुसार यह Allowance उस कर्मचारी की सैलरी के साथ जोड़ा जाता है जब वह किसी सरकारी आवास में नहीं रहता है।
यदि वह सरकारी कर्मचारी किसी प्राइवेट मकान में किराया देकर रहता है तो उसे HRA दिया जाता है। यह HRA एक निश्चित दर से दिया जाता है जिसका निर्धारण केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है।
वर्तमान में HRA की दर X, Y Z क्लास शहरों के लिए क्रमशः 27 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 9 प्रतिशत है।
किसी भी सरकारी कर्मचारी के Home Rent Allowance की गणना उसके Basic Pay के आधार पर किया जाता है ना कि उसके पद के अनुसार। यानि किसी भी पद पर रहने वाले कर्मचारी को उसके तैनाती शहर के आधार पर HRA दिया जाता है।
केंद्र सरकार ने HRA के लिए भारतीय शहरों को जनसंख्या के आधार पर X, Y Z Class Cities में classified किया हुआ है और इसी के अनुसार किसी केन्द्रीय कर्मचारी के HRA की गणना की जाती है।