Freelancing kya hota hai– आजकल पैसे कमाने के तरीके बढ़ते जा रहे हैं और बहुत से लोग अपनी नियमित नौकरी के अलावा कुछ और काम करके भी पैसा कमाना चाहते हैं।
कुछ लोग तो अपनी नौकरी छोड़कर अपने अनुसार काम करके पैसा कमाना चाहते हैं। क्योंकि आजकल नौकरी करना भी आसान नहीं रह गया है, चाहे वह प्राइवेट नौकरी हो या सरकारी।
ऐसी स्थिति में कई लोग या तो अपना कोई व्यवसाय शुरू कर देते हैं या कोई ऑनलाइन काम करके पैसा कमाने लगते हैं।
लेकिन व्यवसाय करना भी इतना आसान नहीं है और इसमें बहुत बड़े निवेश तथा अनुभव की जरूरत पड़ती है। तो लोगों को व्यवसाय करने की तुलना में कोई ऑनलाइन काम करके पैसा कमाना आसान लगता है।
ऑनलाइन काम करके पैसे कमाने के बहुत तरीके हैं, लेकिन किसी को यदि अपने काम के बदले तुरंत पैसे चाहिए तो सबसे अच्छा काम फ्रीलान्सर का है।
लेकिन क्या फ्रीलान्सर का काम इतना आसान है और बिना नौकरी किए केवल फ्रीलान्सर का काम करके गुजारा किया जा सकता है?
Freelancing के काम में क्या अच्छा है और किन-किन मुश्किलों का सामना करना पड़ता है? क्या फ्रीलान्सर का काम सबके लिए अच्छा है?
इन सभी सवालों के जवाब इस लेख में मिल जाएंगे, लेकिन सबसे पहले यह जानते हैं कि Freelancing kya hota hai?
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Freelancing kya hota hai?
Freelancing भी एक पेशा है जो अनुबंध-आधारित होता है, जिसके अंतर्गत कोई व्यक्ति, जो फ्रीलान्सर का काम करता है, वह अपने कौशल और अनुभव का प्रयोग किसी संस्था या संगठन के लिए ना करके सीधे अन्य व्यक्तियों(Clients) को सेवाएँ प्रदान करने में करता है।
उदाहरण के तौर पर मान लीजिये कोई व्यक्ति A है जो फ्रीलान्सर का काम करता है और उसे किसी एक काम में महारत हासिल है, जैसे कि वैबसाइट डिज़ाइनिंग, कंटैंट राइटिंग, फोटो एडिटिंग आदि।
दूसरा व्यक्ति B है जिसे अपने किसी प्रोजेक्ट के लिए एक अच्छी सी फोटो चाहिए और किसी कारणवश वह फोटो डिजाइन करने में सक्षम नहीं है।
ऐसे में व्यक्ति B फोटो डिज़ाइन करने के लिए व्यक्ति A से संपर्क करता है। अब व्यक्ति A फ्रीलान्सर के तौर पर काम करता है और व्यक्ति B के मन-मुताबिक फोटो डिज़ाइन करके उसे दे देता है। व्यक्ति A को काम के बदले तय किया गया मेहनताना व्यक्ति B से मिल जाता है।
इस तरह व्यक्ति A ने सीधे Freelancing के अंतर्गत व्यक्ति B को सेवा दी ना कि उसे किसी कंपनी द्वारा कार्य दिया गया था। यदि वह किसी कंपनी के माध्यम से अपनी सेवा देता तो उसे अपना काम करके कंपनी को देना पड़ता। उसके काम को कंपनी कितने में बेचती है, ये उस व्यक्ति को तय करने का अधिकार नहीं रहता।
अब यह स्पष्ट है कि कोई फ्रीलान्सर अपने काम का मेहनताना खुद तय करता है। यह उसके कौशल और अनुभव के ऊपर निर्भर करता है कि वह एक दिन में कितने असाइनमेंट लेता है और पूरा कर लेता है।
यदि उसका काम ग्राहकों को अच्छा लगता है और उन्हें समय पर पूरा करके मिल जाता है तो वह एक दिन में अच्छी-खासी कमाई कर लेता है।
लेकिन Freelancing का मतलब यह नहीं होता है कि आप हमेशा अपने घर से ही काम करेंगे। जरूरत पड़ने पर आपको ग्राहक के ऑफिस में जाकर भी अपनी सेवा देनी पड़ सकती है। यह काम के प्रकार और ग्राहक की आवश्यकताओं पर निर्भर करता है।
बहुत से लोग Freelancing और work from home में अंतर नहीं कर पाते। जबकि इनमें बहुत बड़ा अंतर होता है.
Freelancing में जहाँ आप self-employed होते हैं और एक अनुबंध के तहत किसी ग्राहक के लिए काम करते हैं, वहीं दूसरी तरफ work from home के अंतर्गत आप घर से ही कम कर रहे होते हैं, लेकिन आप किसी कंपनी के लिए काम करते हैं। यानि आप स्वतंत्र होकर काम नहीं करते हैं।
Freelancing में करिअर कैसे बनाएं?
आजकल फ्रीलान्सर बनना बहुत कठिन काम नहीं रह गया है। बस आपको अपनी क्षमता पहचाननी है और यह देखना है कि क्या आप ग्राहकों को उनकी इच्छानुसार सेवाएँ दे पाएंगे?
उसके बाद ऑनलाइन ऐसे बहुत से प्लेटफॉर्म या वेबसाइट्स हैं जहाँ आपको फ्रीलान्सर के काम मिल जाएंगे, जैसे- Upwork, Truelancer, Fiverr, Freelancer आदि।
यहाँ हम यह बताएँगे कि फ्रीलान्सर बनने के लिए आपको शुरुआत कैसे करनी है। आप नीचे दिये गए कुछ steps follow करके एक अच्छे फ्रीलान्सर बन सकते हैं।
स्टेप 1 – मानसिक रूप से अपने आप को तैयार करें:-
यह फ्रीलान्सर बनने के लिए सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली बात है। जब तक आप मानसिक रूप से तैयार नहीं हो जाते हैं तब तक आप कोई भी काम अच्छी तरह से नहीं कर सकते हैं।
Freelancing का काम भी करने से पहले आपको मानसिक रूप से तैयार होना पड़ेगा। इसके लिए जरूरी है कि फ्रीलान्सर बनने के फायदे और नुकसान के बारे में पहले जरूर जान लें। इसमें आने वाली चुनौतियों के बारे में भी एक बार सोच लें।
किसी-किसी के लिए Freelancing के काम के साथ दैनिक जीवन का तालमेल बिठाना मुश्किल हो जाता है। इसके बारे में भी सोच विचार कर लें।
इस तरह जब तक आप पूरी तरह से अपने को तैयार नहीं कर लेते हैं, तब तक Freelancing का काम शुरू करने का कोई फायदा नहीं है। यदि आप शुरू कर भी देते हैं तो मिलने वाले कामों को आप समय से पूरा नहीं कर पाएंगे और ग्राहकों के बीच आपकी नकारात्मक छवि बन जाएगी।
स्टेप 2 – किस क्षेत्र में आपको काम करना है उसे अच्छी तरह से पहचान लें:-
जिस भी क्षेत्र में आप काम करना यानि कि ग्राहकों को सेवा देना चाहते हैं उसे अच्छी तरह से पहचान लें। यह आपके ज्ञान और रुचि पर निर्भर करता है।
यह भी देख लें कि जिस क्षेत्र में आप काम करना चाहते हैं क्या उसमें ग्राहक उपलब्ध हैं। यदि उस क्षेत्र में कोई मांग नहीं है तो आपको कोई काम नहीं मिलेगा और ना ही आप पैसे कमा सकते हैं।
आप जिस काम में अच्छी पकड़ और रुचि रखते हैं, उसी काम को करना आपके लिए अच्छा रहेगा। यह जरूरी नहीं है कि केवल एक ही काम में आपकी पकड़ हो और केवल उसी काम में ग्राहकों को सेवा देंगे। यदि आप एक से अधिक काम में अच्छा कर सकते हैं तो उसका भी इस्तेमाल Freelancing के लिए कर सकते हैं।
स्टेप 3 – अपने काम में महारत हासिल करें-
कभी-कभी ऐसा भी होता है कि आपको किसी काम में रुचि तो है और आप अच्छा भी कर सकते हैं, लेकिन उस काम में आपको बहुत अच्छी जानकारी नहीं है।
ऐसी स्थिति में आपको सबसे पहले उस काम में महारत हासिल करनी चाहिए। इसके लिए आप उस काम में अच्छा ज्ञान अर्जित करें। भले ही इसमें कितना समय लगे, परंतु बिना महारत हासिल किए हुए आप एक सफल फ्रीलान्सर नहीं बन सकते हैं।
जैसे कि यदि आपको कंटेंट राइटिंग का काम अच्छा लगता है लेकिन इसमें आपको अच्छी जानकारी नहीं है तो आप रोज अपनी लेखन शैली सुधारने की कोशिश करें। जब आप अच्छा लिखने लगते हैं उसके बाद अपने ग्राहकों की तलाश करें।
आधी-अधूरी जानकारी आपके करियर के लिए नुकसानदायक हो सकती है।
स्टेप 4- अपनी सेवा देने के लिए ग्राहकों को पहचाने:-
Freelancing करियर को सफल बनाने के लिए यह बहुत ही जरूरी होता है कि आप अपने उन ग्राहकों को पहचाने जिन्हें आप सर्विस देना चाहते हैं।
यदि आप अपने ग्राहकों को अच्छी तरह से पहचान लेते हैं तो आपको एक बहुत बड़ा बाजार मिल जाता है।
इसके लिए यह जानना ज्यादा जरूरी है कि आपके ग्राहक किस तरह के व्यवसाय करते हैं और उनको किन-किन चीजों की जरूरत पड़ सकती है। यदि आप उनकी जरूरतों को जान लेते हैं और उनमें किसी जरूरत को आप पूरा कर सकते हैं तो आप अपने ग्राहकों को आसानी से पहचान सकते हैं।
स्टेप 5- अपनी सेवा देने के लिए प्लेटफॉर्म ढूँढे:-
अब जबकि आप अपनी सेवा देने के लिए पूरी तरह से तैयार हो चुके हैं तो ग्राहकों को ढूँढने की कोशिश करें।
जब आप पहली बार Freelancing का काम करने जा रहे हैं तो ग्राहकों को ढूँढना इतना आसान नहीं होता है। इसलिए आपको किसी ऐसे प्लेटफॉर्म की जरूरत पड़ती है जहाँ आसानी से ग्राहक मिल जाएँ।
आजकल ऐसे बहुत सारे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म उपलब्ध हैं जहाँ आप कुछ शर्तों और नियमों का पालन करते हुए अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। जैसे Freelancer, Upwork, Fiverr, ProbBlogger Jobs, Truelancer इत्यादि।
ये ऑनलाइन प्लेटफॉर्म आको ग्राहक उपलब्ध कराते हैं। अब आप खुद अपने काम का मेहनताना तय कर सकते हैं। यदि ग्राहकों को आपका काम पसंद आता है तो आप बढ़िया कमाई कर सकते हैं।
किसी भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अपना रजिस्ट्रेशन कराने के बाद आपको कुछ जरूरी काम करने पड़ते हैं। जो निम्नलिखित हैं-
A. अपना प्रोफ़ाइल बनाएँ:-
इसके अंतर्गत आपको अपने कुछ Personal details बताने पड़ते हैं। इसके लिए Freelancing वेबसाइट्स पहले से ही कुछ पेज तैयार करके रखती हैं।
आपको इस पेज को अच्छी तरह से भरना है। इसमें आपको अपना नाम, फोटो, भाषा आदि के बारे में जानकारी देनी होती है।
उसके बाद आपको अपने काम के बारे में जानकारी देनी है। जैसे कि आप किस क्षेत्र में काम करना चाहते हैं और इसमें आपको कितने दिन का अनुभव है। आपको यहाँ अपने शिक्षा और कौशल के बारे में भी जानकारी देनी पड़ती है।
अब आपको अपने कार्य क्षेत्र में यह बताना है कि उसमें आप क्या कर सकते हैं। इन्हें Gigs कहा जाता है। जैसे कि यदि आप कंटेंट राइटिंग करना चाहते हैं तो उसमें किस काम के लिए कंटेंट राइटिंग कर सकते हैं। जैसे कि किसी प्रोजेक्ट के लिए या ब्लॉग के लिए।
इस तरह अपने प्रोफ़ाइल में अपनी पूरी जानकारी दें और यदि एक से अधिक काम में कुशल हैं तो उसके बारे में भी बताएं। इससे आपके ग्राहकों की संख्या बढ़ेगी और आपकी कमाई भी अच्छी होगी।
B. अपने काम की कीमत तय करें:-
आपको अपने काम के बदले कितनी कीमत चाहिए, यह आपको तय करना पड़ता है। यह अक्सर पैकेज के रूप में होता है जो तीन तरह का होता है – Basic, Standard और Premium.
यहाँ यह ध्यान रखें कि अपने अच्छे काम के लिए एक अच्छी कीमत तय करें। यदि आपका काम अच्छा है तो कीमत से कभी भी समझौता ना करें।
इसलिए आप अपने कौशल और अनुभव के आधार पर ही अपने काम की कीमत तय करें। यदि आपके पास कुछ सालों का अनुभव है तो उसी के अनुसार कीमत तय करें। कभी भी उस फ्रीलान्सर से अपनी तुलना ना करें जो कई सालों से इस काम में लगा हुआ है।
उपरोक्त दिये गए स्टेप्स को अपनाकर आप अपने फ्रीलान्सर करियर की शुरुआत कर सकते हैं।
एक सफल फ्रीलान्सर बनने के लिए क्या करें?
जब आप फ्रीलान्सर का काम शुरू करते हैं तो एक बहुत बड़ा लक्ष्य लेकर इस क्षेत्र में उतरते हैं। लेकिन आपकी सफलता आपके हाथों में होती है।
चाहे आप कितना भी अच्छा काम करते हों, लेकिन यदि कुछ बातों का ध्यान नहीं रखते हैं तो आपका Freelancing करियर बहुत दिनों तक नहीं चल सकता है।
कुछ ऐसी बातें जिनका Freelancing के करियर में बहुत अधिक महत्व है-
i) आप एक फ्रीलान्सर हैं और किसी विशेष काम में आपको महारत हासिल है, यह जानकारी लोगों तक जरूर पहुंचनी चाहिए। यानि आप अपने फ्रीलान्सर होने की बात अपने परिचय के लोगों को जरूर बताएं।
इसके लिए आपके संपर्क में जीतने भी लोग हैं उन्हें personally contact करें या मैसेज भेजें। उनको अपने काम के बारे में अच्छी तरह से बताएं और यह बात उनसे अन्य लोगों को भी बताने के लिए आग्रह करें।
अपने काम का प्रचार करने के लिए आप सोशल मीडिया का भी सहारा ले सकते हैं। email-marketing का विकल्प भी अच्छा रहेगा।
ii) अपने niche से संबन्धित अपना एक अच्छा सा और आकर्षक पोर्टफ़ोलियो बनाएँ। यदि आप अपने पोर्टफ़ोलियो से संबन्धित एक वेबसाइट बना लेते हैं तो यह और भी अच्छा रहता है।
iii) अपने ग्राहकों के जरूरतों को अच्छी तरह से समझें। कोई भी व्यक्ति आपसे इसलिए संपर्क करता है क्योंकि उसको अपने मन-मुताबिक काम करवाना है। यदि आप ग्राहकों के मन को पढ़ लेते हैं और जरूरतों को समझ जाते हैं तो आपको सफल फ्रीलान्सर बनने से कोई नहीं रोक सकता है।
iv) आप अपने और ग्राहक के बीच पारदर्शिता (transparency) बनाए रखें। ग्राहक से कोई भी बात ना छुपाएं। आपको काम करने के लिए जिस भी चीज़ की जरूरत है उसे अपने ग्राहक को अवश्य बताएं। काम के कीमत के बारे में भी बिल्कुल स्पष्ट रहें।
v) यदि आप एक सफल फ्रीलांसर बनना चाहते हैं तो इस बात का जरूर ध्यान रखें कि जरूरत से ज्यादा काम ना लें। कुछ फ्रीलान्सर कभी-कभी ऐसी गलती करते हैं और बहुत अधिक काम ले लेते हैं।
पहले से ही आप अपने समय को अपने काम के अनुसार तय करें। यदि आप किसी काम को करने में एक दिन का समय लेते हैं तो उस दिन कोई और काम ना लें। यह ना सोचें कि अमुक ग्राहक आपके हाथ से छुट रहा है।
यदि आप अपना काम समय से पूरा कर देते हैं तो ग्राहक आपके समय के प्रति ईमानदार होने की सराहना करेंगे।
vi) कभी-कभी आपको जितना काम मिलता है उससे कुछ अधिक करके अपने ग्राहक को दें और इसके लिए कोई अतिरिक्त कीमत ना लें।
यदि कभी जरूरत पड़े तो कोई ऑफर भी दें। इससे आपके और आपके ग्राहकों के बीच एक अच्छा संबंध बना रहता है। चूँकि ग्राहकों की वजह से ही आपके फ्रीलान्सर करियर का भविष्य तय होता है। इसलिए उनके साथ अच्छा संबंध आपके करियर को आगे बढ़ाएगा।
vii) अपने काम को हमेशा नियमित (regular) रखें। ऐसा ना करें कि कुछ दिन काम करें और कुछ दिन छोड़ दें। इस अनियमितता (iregularity) के कारण आपके ग्राहक आपसे दूर होते जाएंगे और एक बना-बनाया करियर खराब हो जाएगा।
क्या Freelancing को एक करियर की तरह अपनाया जा सकता है?
भारत में Freelancing में करियर बनाने का दर लगातार बढ़ता जा रहा है। कुछ लोगों ने अपने नियमित जॉब को छोड़कर Freelancing का करियर अपना लिया है।
वर्तमान में अमेरिका के लोग सबसे ज्यादा Freelancing का काम करते हैं। उसके बाद दूसरा स्थान भारत का ही है।
इस तरह हम कह सकते हैं कि Freelancing के क्षेत्र में अच्छा भविष्य है। यदि आप अपने ऊपर विश्वास रखते हैं तो आप इस क्षेत्र में अपना करियर जरूर बना सकते हैं।
हम यह सलाह जरूर देना चाहेंगे कि यदि आप किसी कंपनी में जॉब कर रहे हैं तो पहले अपने Freelancing के करियर में कुछ हद तक सफल हो जाएँ और उसके बाद अपनी जॉब छोड़ना चाहते हैं तो छोड़ सकते हैं।
यदि आप अपने जॉब के साथ-साथ Freelancing का काम भी सही तरह से कर लेते हैं तो यह और भी अच्छी बात है।
Freelancing के फायदे और नुकसान:-
जीवन के किसी भी क्षेत्र में ये दोनों पहलू मौजूद रहते हैं। हर एक काम में कुछ सहूलियत है तो कुछ दिक्कतें भी आती हैं।
Freelancing का काम भी ऐसा ही है। इसमें भी कुछ मामलों में आपको सहूलियत महसूस होगी तो कुछ में दिक्कतें आएंगी। यानि इस करियर के भी फायदे और नुकसान दोनों हैं।
Freelancing के फायदे:-
i) आप अपने खुद के बॉस होते हैं। आपको किसी कंपनी या नियोक्ता (employer) के लिए काम करने की जरूरत नहीं पड़ती है। आप अपने काम करने के तरीके का निर्णय खुद ले सकते हैं। इस तरह आपको Freelancing में अपने मन से काम करने की स्वतन्त्रता होती है।
ii) काम करने का समय भी आप खुद तय करते हैं। आप जब चाहें तब काम कर सकते हैं। यदि सुबह उठते ही आपका मन काम करने में लगता है तो आप काम करना शुरू कर देते हैं। इसलिए इसमें जरूरी नहीं है कि आपको इतने बजे से लेकर इतने बजे तक काम करना है। आपको जब लगता है आप अमुक समय पर अपनी क्षमता का पूरा प्रयोग कर सकते हैं, उसी समय काम करना शुरू कर दें। चाहे सुबह हो, दोपहर हो, शाम हो या आधी रात हो।
iii) Freelancing में काम करने के अवसर हमेशा उपलब्ध रहते हैं। आपको दिनभर में कई सारे काम मिल सकते हैं। आप अपने प्रत्येक घंटे का सदुपयोग कर सकते हैं और बहुत बढ़िया कमाई कर सकते हैं।
iv) अच्छी और पसंदीदा कंपनियों के साथ काम करने का मौका मिलता है। Freelancing में आप किसी एक कंपनी के लिए काम नहीं कर रहे होते हैं। इसलिए आपको अपनी पसंदीदा कंपनियों से जुड़ने और उनके लिए काम करने का अवसर मिल जाता है।
v) अनुभव प्राप्त करने के लिए आपके पास एक अच्छा अवसर मिलता है। Freelancing के दौरान आप विभिन्न प्रोजेक्ट्स और ग्राहकों के लिए काम करते हैं इसलिए आपको बहुत अधिक अनुभव प्राप्त करने का अवसर मिल जाता है।
vi) अपना मेहनताना आप खुद तय करते हैं। आप अपने काम की गुणवत्ता के आधार पर काम की कीमत खुद तय करने के लिए स्वतंत्र होते हैं
vii) ऑफिस के झंझटों से मुक्त होते हैं। आप अपने घर में काम कर रहे होते हैं इसलिए ऑफिस में होने वाले राजनीति और खराब वातावरण से दूर होते हैं। आप अपने घर में काम करने की जगह का निर्धारण खुद करते हैं।
आप अपने सहयोगी के रूप में किसे रखना चाहते हैं, इसका निर्णय भी आप ही लेते हैं।
viii) दिनभर में काम करने के घंटे आप निर्धारित करते हैं। ऑफिस में सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक आपको काम करना पड़ता है। लेकिन Freelancing में काम करने के घंटे आप ही तय करते हैं।
Freelancing के नुकसान:-
वैसे तो Freelancing के नुकसान बहुत कम हैं, लेकिन उन्हें नजरंदाज नहीं किया जा सकता है।
i) काम के अलावा और कई जिम्मेदारियाँ बढ़ जाती हैं। चूंकि आप अपने काम के खुद ही बॉस होते हैं इसलिए आपके कंधे पर कुछ और जिम्मेदारियाँ आ जाती हैं, जैसे कि काम करने के लिए जरूरी सामानों की ख़रीदारी करना, ग्राहकों को ढूँढना और उनसे डील करना, अपने पेमेंट की जानकारी रखना इत्यादि।
ii) अपने personal life और working life के बीच तालमेल बिठाना मुश्किल हो जाता है। Freelancing के दौरान यदि आप इन दोनों के बीच अंतर नहीं कर पाते हैं तो आपका जीवन और भी कठिन हो जाता है और साथ ही आपके Freelancing का करियर भी प्रभावित होता है।
iii) आपको हमेशा अनुशासन में रहना पड़ता है। यदि आप अनुशासन में नहीं रहते हैं तो Freelancing का काम आपके लिए नहीं हैं। आपको एक अच्छे दिनचर्या की जरूरत पड़ती है।
iv) ऑफिस में मिलने वाले लाभ आपको नहीं मिलते हैं। किसी तरह की कोई छुट्टी, PF, हेल्थ इन्शुरेंस आदि का लाभ नहीं मिलता है।
v) कभी-कभी काम मिलना मुश्किल होता है। Freelancing करियर में यह निश्चित नहीं होता है कि आपको हमेशा काम मिलते रहेंगे। कभी-कभी आपके पास बहुत अधिक काम रहेंगे तो कभी-कभी आप खाली बैठना पड़ सकता है।
vi) कभी-कभी आपको लगातार घंटों काम करना पड़ सकता है। यदि आपने कोई ऐसा काम हाथ में ले लिया है जिसमें लगने वाले समय का अंदाजा आपको नहीं होता है तो आपको जरूरत से ज्यादा समय देना पड़ सकता है। चूंकि ग्राहक को आपके ऊपर भरोसा होता है कि उसका काम समय से पूरा हो जाएगा, इसलिए आपको लगातार कई घंटे तक काम करके उसे पूरा करना पड़ सकता है।
vii) कुछ ग्राहकों को संतुष्ट करना कठिन होता है। कभी-कभी ऐसे ग्राहक भी मिल जाते हैं जिन्हें संतुष्ट करना आसान नहीं होता है। ऐसा तब होता है जब या तो वे अपनी जरूरत अच्छी तरह से समझा नहीं पाते हैं या आपको उन्हें समझने में मुश्किल होती है। इससे आपको झुंझलाहट होती है और आपका समय भी बर्बाद हो जाता है।
ऊपर बताए गए फायदे और नुकसान को जानने के बाद यह स्पष्ट है कि अपने दिनचर्या में कुछ बदलाव करके Freelancing में करियर बनाया जा सकता है। यदि आप इसके नुकसान से बहुत अधिक प्रभावित नहीं होते हैं तो आप इसमें करियर बनाने के लिए आगे बढ़ सकते हैं।
Freelancing kya hota hai: निष्कर्ष
भारत की अर्थव्यवस्था जैसे-जैसे वृद्धि कर रही है, उसी अनुपात में रोजगार के नए-नए अवसर भी पैदा हो रहे हैं। इन रोजगार के अवसरों में Freelancing भी एक अच्छा विकल्प बनकर उभरा है। यह करियर भी अन्य विकल्पों के साथ मुख्यधारा में शामिल हो चुका है।
Freelancing में आपको नई-नई चीजें सीखने का एक शानदार अवसर मिलता है। आप अपने कौशल और अनुभव का प्रयोग एक अच्छी-खासी कमाई करने के लिए कर सकते हैं। ग्राहकों को ढूँढने की भी चिंता आपको नहीं करनी है, बल्कि ऐसे कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म उपलब्ध हैं जहाँ बड़ी संख्या में ग्राहक उपलब्ध हैं।
लेकिन हर एक काम की तरह Freelancing में भी कुछ फायदे और नुकसान हैं। यदि आप इसमें काम करने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र हैं तो कुछ जोखिमों को उठाने के लिए भी आपको तैयार रहना पड़ता है। इसमें करियर को लेकर कुछ अस्थिरता भी है और कुछ जिम्मेदारियाँ भी बढ़ जाती हैं।
फिर भी यदि आप इन जोखिमों का सामना करने के लिए तैयार हो जाते हैं तो यह करियर एक परंपरागत नौकरी की तुलना में बहुत अच्छा है। अपने लक्ष्य को पाने के लिए केवल आपको अपने धुन में काम करते रहना है। एक ना एक दिन आप अपना नाम और प्रतिष्ठा बनाने में अवश्य सफल होंगे।
आपको करियर से संबन्धित यह लेख कैसा लगा, कमेंट करके जरूर बताएं और अपने उन दोस्तों और परिचितों को शेयर करना ना भूलें जो करियर से संबन्धित जानकारी के लिए इच्छुक हों।
यदि आप सरकारी नौकरी विशेषकर SSC, Railway और Bank की तैयारी से संबन्धित कोई प्रश्न पूछना चाहते हैं तो निश्चिंत होकर पूछ सकते हैं। हम जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे।