Artificial Intelligence क्या होता है और इसका महत्व क्या है?
ईश्वर ने मनुष्यों और अन्य जीवों को ऐसी क्षमता दी है जिससे वो परिस्थिति के अनुसार भाव प्रकट कर सकते हैं I उन्हें आस-पास हो रही घटनाओं को महसूस करने की क्षमता होती है I
परन्तु यही क्षमता अब निर्जीव वस्तुओं में विकसित होने लगी है I अब मशीनें भी मनुष्यों की तरह प्रतिक्रिया करने लगी हैं, उनकी भाषाएँ समझने लगी हैं, उनके चेहरे का भाव समझने लगी हैं I
तो क्या आपने भी दैनिक जीवन में इस बात को गौर किया है I यदि नहीं तो कुछ उदाहरणों से इसे समझिये I
आजकल Smart phones लगभग प्रत्येक व्यक्ति के पास है I उनमे से बहुत से लोग अपना Face Recognition lock लगा के रखते हैं I उनका फ़ोन तभी Unlock होता है जब Face Recognition के द्वारा उनका चेहरा पहचान लेता है I
दूसरा उदाहरण Google में Voice search का है I जब आप कुछ Search करने के लिए बोलते हैं तो Search Engine आपकी भाषा समझकर परिणाम आपके सामने लाकर रख देता है I
दैनिक जीवन में ऐसे बहुत सारे उदाहरण मिल जायेंगे जहाँ इस तरह की तकनीक का प्रयोग होता है I
इस लेख में हम इसी तकनीक पर संक्षिप्त जानकारी देने वाले हैं I इस तकनीक के कितने प्रकार हैं और इसका विकास कैसे हुआ, इसपर भी आपको इस लेख में जानकारी मिलेगी I
जिस तकनीक के बारे में हम बात करने वाले हैं उसे विज्ञान की भाषा में Artificial Intelligence कहते हैं I
तो आईए जानते हैं कि Artificial Intelligence क्या होता है?
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Artificial Intelligence क्या होता है / What is Artificial Intelligence
Artificial का हिंदी अर्थ कृत्रिम होता है अर्थात ऐसी वस्तु जिसका निर्माण मनुष्यों ने किया है और Intelligence का हिंदी अर्थ बुधिमत्ता होता है I इसी बुधिमत्ता के कारण मनुष्य अन्य जीवों से अलग होता है क्योंकि उसके पास सोचने की शक्ति होती है I
इससे स्पष्ट हो जाता है कि Artificial Intelligence एक ऐसी कृत्रिम बुद्धि है जिसका विकास मनुष्यों ने किया है I
अब बात आती है कि मनुष्यों को ऐसी क्या जरुरत महसूस होने लगी कि उन्होंने Artificial Intelligence का विकास किया I तो इसका उत्तर है कम समय में ज्यादा काम को सही तरीके और कम से कम गलती के साथ निपटाना I
एक उदाहरण से समझें तो आजकल सड़कों पर लगे Speed Guns हैं जो तेजी से जाती हुई गाड़ी की गति को जानने में बहुत ही कम समय लेती हैं I ऐसे तमाम उदाहरण पड़े हैं जिससे समझ में आता है कि इस तरह की तकनीक की जरुरत आजकल क्यों पड़ रही है I
Types Of Artificial Intelligence/ Artificial Intelligence के प्रकार
Artificial Intelligence को हम दो मुख्य भागों में बाँट सकते हैं-
- सोचने की क्षमता(Capabilities) के आधार पर
- कार्य करने की क्षमता (Functionality) के आधार पर
सोचने की क्षमता(Capabilities) के आधार पर Artificial Intelligence के तीन भाग हैं-
A. Weak AI or Narrow AI –
यह Artificial Intelligence किसी एक विशेष प्रकार के कार्य को सम्पादित करने में ही सक्षम होते हैं I ये जिस कार्य के लिए बनाये गए हैं उनको छोड़कर कोई और कार्य नहीं कर सकते I
उदाहरण के तौर पर Chess board, Ludo जैसे Games; Google Assistant, Google Translate, Siri, Cortana, Alexa जैसे Virtual assistants और Home assistants. वर्तमान समय Narrow AI का ही चल रहा है I
B. General AI –
इस Artificial Intelligence की सोचने की क्षमता मनुष्य के सोचने की क्षमता के बराबर हो जाती है I अर्थात इस AI आधारित रोबोट्स या गैजेट्स मनुष्यों की तरह सोचने और कार्य करने लगेंगे I
C. Super AI –
इस Artificial Intelligence की सोचने की क्षमता मनुष्य के सोचने की क्षमता से अधिक हो जाती है I इस AI आधारित रोबोट्स या गैजेट्स मनुष्यों से ज्यादा सोचने लगेंगे और असाधारण निर्णय लेने लगेंगे I
कार्य करने की क्षमता (Functionality) के आधार पर Artificial Intelligenceके चार भाग हैं-
A. Reactive Machines-
ये मशीनें Artificial Intelligence आधारित सबसे बुनियादी(Basic) मशीन होती हैं I इनके पास कुछ भी याद करने की क्षमता नहीं होती अर्थात ये पहले किये हुए कार्य के अनुभव के आधार पर कुछ भी प्रतिक्रिया नहीं दे सकतीं I
इसका सबसे अच्छा उदाहरण IBM का Deep Blue मशीन है जिसने शतरंज चैंपियन गैरी कास्पारोव को हराया था I
B. Limited Memory –
नाम से ही स्पष्ट है कि इसपर आधारित मशीनें Past में किये कार्यों के अनुभव के अनुसार निर्णय लेने में सक्षम होती हैं I लेकिन इसकी भी एक सीमा होती है I इसीलिए इसे Limited Memory AI कहते हैं I
वर्तमान में AI आधारित लगभग सभी Chatbots और Self driving cars इसके अच्छे उदाहरण हैं I
C. Theory of Mind –
इस प्रकार के AI मशीनें मनुष्यों के emotions, belief, thoughts और expectations को समझने में और सामाजिक रूप से बातचीत करने में सक्षम होती हैं I
वर्तमान में इस AI आधारित अभी ऐसी कोई भी मशीन नहीं बनी है I
D. Self-Awareness –
इसे हम AI का Final stage कह सकते हैं I उस समय AI मशीने सुपर इंटेलीजेंट होंगी I उनके पास स्वयं सोचने की क्षमता होगी, उनके अन्दर चेतना होगी और Self-Awareness होगा I
अर्थात उस समय मशीनें पूरी तरह से मनुष्यों के जैसी सोचने की क्षमता रखेंगी I
Artificial Intelligence (AI) का विकास –
जैसा कि हम जानते हैं कि तंत्रिका तंत्र की सबसे छोटी इकाई को Neuron कहते हैं I
इसके विषय में वैज्ञानिकों को बहुत पहले से पता था परन्तु सन1943 में Warren MuCulloch (neuroscientist) और Walter Pitts (logician) ने इसका गणितीय मॉडल प्रस्तुत किया I
सन 1950 में Donald O Hebb ने Neurons और मनुष्य के स्वाभाव के बीच में सम्बन्ध का विस्तृत वर्णन किया I
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश कंप्यूटर वैज्ञानिक Alan Turing ने एक ऐसी मशीन बनायी जो Enigma (जिसका उपयोग जर्मन सेना द्वारा संदेशों को सुरक्षित रूप से भेजने के लिए किया जाता था) द्वारा भेजे संदेशों को समझने के लिए इस्तेमाल होती थी।
उन्होंने 1950 में अपने लेख “Computing Machinery and Intelligence” में यह सुझाव दिया कि यदि मनुष्य उपलब्ध सूचनाओं और कारणों का प्रयोग समस्याओं को हल करने के लिए करते हैं, तो यह मशीनों की मदद से क्यों नहीं किया जा सकता है I
1950 में ही Claude Shannon, जिन्हें “Father of information theory” कहा जाता है, ने “Programming a Computer for Playing Chess” नामक लेख प्रकाशित किया जो शतरंज खेलने वाले कंप्यूटर प्रोग्राम के विकास पर चर्चा करने वाला पहला लेख था।
1955 में Allen Newell और Herbert A. Simon ने पहला artificial intelligence computer program विकसित किया जिसे Logic Theorist कहा गयाI
1956 में Dartmouth College(Hanover, New Hampshire) में हुए एक सम्मलेन में अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक John McCarthy ने पहली बार Artificial Intelligence शब्द को अपनाया। इस तरह Artificial Intelligence शब्द की उत्पति हुई I इसीलिए John McCarthy को “Father of Artificial Intelligence” कहा जाता है I
1958 में John McCarthy ने LISP नामक programming language का विकास किया जो artificial intelligence में शोध करने के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण है I
1950 के दशक में ही अमेरिकी वैज्ञानिक George Devol ने पहला Industrial robot का अविष्कार किया जिसे General Motors में काम के लिए लगाया गया I
1961 में James Slagle ने SAINT (Symbolic Automatic INTegrator) का अविष्कार किया I
1960 के दशक में शोधकर्ताओं ने गणितीय और रेखा गणितीय समस्याओं को सुलझाने के लिए Algorithm के विकास पर अपना पूरा जोर लगाया I
1966 में Joseph Weizenbaum ने ELIZA नामक विश्व का पहला Chatbot बनाया।
1966 में ही Charles Rosen और उनकी टीम ने Shakey नामक Robot बनाया जो सामान्य काम के लिए बनाया गया था I इसे पहला Electronic Person के नाम से भी जाना गया।
1972 में जापान में WABOT-1 नामक विश्व का पहला intelligent’ humanoid robot का विकास किया गया I
1974 से 1980 के बीच के समय को “AI winter” के नाम से जाना गया, क्योंकि उस समय कुछ रिपोर्ट्स में AI के शोध की आलोचना की गयी I
इससे कई देशों की सरकारों ने इस क्षेत्र में फंडिंग करना रोक दिया और वैज्ञानिकों को शोध करने में दिक्कत महसूस होने लगी I
यह क्षेत्र फिर से 1980 के दशक में पुनर्जीवित हो गया जब ब्रिटिश सरकार ने जापानियों के प्रयासों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए पुन: धन देना शुरू कर दिया।
1980 में वापसी के दौरान Expert System का विकास हुआ I 1980 में ही Stanford University में American Association of Artificial Intelligence का राष्ट्रीय सम्मलेन हुआ I
1986 में Mercedes-Benz ने एक ऐसे कार का निर्माण किया जो बिना ड्राईवर के भी चल सकती थी I लेकिन यह बिना किसी बाधा और खुली सड़क पर ही चल सकती थी I
1987-1993 के मध्य दूसरा AI winterका समय रहा I
निवेशक और सरकारें जिस अनुपात में इस क्षेत्र में पैसे खर्च कर रहे थे उसके अनुरूप परिणाम नहीं आ रहे थे जिसके कारण इन्होने निवेश करना कम कर दिया I
शोधकर्ताओं को पुन: दूसरी बार नए-नए शोध करने के लिए पैसों की दिक्कत महसूस होने लगी I लेकिन शोधकर्ताओं की इस बात की उम्मीद थी कि एक दिन कंप्यूटर मनुष्यों की भाषा समझेगा, चित्रों को पहचानेगा और प्रतिक्रिया भी देगा I
इसी उम्मीद से उन्होंने कठिन परिस्थिति में भी शोध जारी रखा I नब्बे के दशक में कंप्यूटर का तेजी से विकास हुआ I
1995 में Richard Wallace ने A.L.I.C.E (Artificial Linguistic Internet Computer Entity) नामक एक chatbot का निर्माण किया जो ELIZA से प्रेरित था I
1997 में IBM द्वारा निर्मित कंप्यूटर Deep Blue ने उस समय के चेस चैंपियन Garry Kasparov को पराजित किया I
नब्बे के दशक में AI आधारित खिलौने भी बनने लगे I
Dave Hampton और Caleb Chung ने AI आधारित Furby नामक पहला खिलौना बनाया I
Sony ने भी AIBO (Artificial Intelligence RoBOt) खिलौना बनाया जो कुत्ते की शक्ल का था I यह 100 से अधिक भाषाओँ को समझ सकता था तथा जवाब भी दे सकता था I
इसी समय Cynthia Breazeal ने Kismet नामक रोबोट बनाया जो इन्सान के शक्ल का था I यह अपने चेहरे से भावों को प्रदर्शित कर सकता था I
2000 में Honda ने AI आधारित ASIMO (Advanced Step in Innovative Mobility) नामक humanoid robot बनाया I
2002 में i-Robot कम्पनी ने Roomba नामक vacuum cleaner बनाया जो घर में रखे सामानों को ध्यान में रखते हुए घर की सफाई कर सकता था I
2000 के दशक में इस क्षेत्र ने बहुत विकास किया I नासा ने AI आधारित Spirit और Opportunity नामक दो रोबोट मंगल ग्रह पर भेजे I
Google ने चालक रहित कार का निर्माण किया I
Google सहित Facebook, Twitter, Netflix जैसी कंपनिया अपने सॉफ्टवेयर और एप्प में Artificial Intelligence का प्रयोग करने लगीं I
2010 में Microsoft ने Xbox 360 के लिए Kinect नामक पहला gaming device बनाया जो अपने 3D कैमरे और इन्फ्रारेड का प्रयोग करके खिलाड़ी के movement का पता लगा लेता था I
2011 में IBM द्वारा निर्मित कंप्यूटर Watson ने एक प्रश्नोत्तर आधारित टीवी शो Jeopardy! में इसी शो के पूर्व चैंपियन Ken Jennings और Brad Rutter को पराजित किया I
2010 के बाद कई कंपनियों ने AI आधारित सॉफ्टवेयर और रोबोट्स का निर्माण किया I
उदारण के तौर पर Apple ने Siri तथा Microsoft ने Cortana नामक virtual assistant बनाया तो Amazon ने Amazon Alexa नामक home assistant बनाया I
ये सभी ना केवल इंसानों की भाषा समझते हैं बल्कि परिस्थिति के अनुसार सुझाव भी देते हैं I ये Users द्वारा दिए गए Command का पालन भी करते हैं I
2016 में हांगकांग स्थित Hanson Robotics ने Sophia नामक humanoid robot बनाया जो प्रश्न और दिए गए उत्तर के अनुसार अपने चेहरे पर भाव प्रकट कर सकती है।
Google का virtual assistant “Duplex” ना केवल बातचीत करने में सक्षम है बल्कि वह होटल्स, सैलून जैसे जगहों पर Appointment लेने में भी सक्षम है I
इस तरह Artificial Intelligence का जो वर्तमान रूप है वह हमारे वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं की कड़ी मेहनत का परिणाम है I
Artificial Intelligence का भविष्य –

Artificial Intelligence का भविष्य क्या होगा यह तो कहना मुश्किल है परन्तु वर्तमान में हो रहे शोधों से अनुमान लगाया जा सकता है कि AI आधारित मशीनें मनुष्य के जीवन को काफी हद तक प्रभावित करेंगी I
यह घर के रोजमर्रा के कार्यों से लेकर ऑफिस के फाइलों को निपटाने तक का कार्य कर सकेंगी I औद्योगिक क्षेत्र से लेकर कृषि क्षेत्र में भी इनका वर्चस्व हो सकता है I
इनका सदुपयोग जहाँ मनुष्य जाति के लिए वरदान साबित होगा वहीं इनका दुरुपयोग अभिशाप बन जायेगा I
परन्तु मनुष्य इतना समझदार जीव है कि इनका विकास करते समय इस बात का जरुर ध्यान रखेगा कि ये कहीं इतनी ताकतवर ना बन जाएँ कि मनुष्यों को ही इनका गुलाम बनकर जीना पड़े I
इस विषय पर विश्व सिनेमा में कई ऐसी फ़िल्में बन चुकी हैं जिनमें इन रोबोट्स और मनुष्यों के बीच युद्ध को दर्शाया गया है I लेकिन फिल्म और वास्तविकता में बहुत अंतर है I
निष्कर्ष:
उपरोक्त लेख में हमने पढ़ा कि Artificial Intelligence क्या है , इसके कितने प्रकार हैं तथा इसके विकास का इतिहास क्या है I
यदि इसके भविष्य की बात करें तो वर्तमान में वैज्ञानिक और शोधकर्ता इस क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के आविष्कार करने में जोर-शोर से लगे हुए हैं I
उन्हें सफलताएँ भी मिल रही हैं और संभवतः भविष्य में ऐसी मशीनों का अविष्कार भी हो जायेगा जिनमें मनुष्यों के जैसे सोचने की क्षमता रहेगी I
जनवरी 2015 में Stephen Hawking, Elon Musk और दर्जनों वैज्ञानिकों ने एक खुला पत्र लिखा जिसमें Artificial Intelligence के सामाजिक जीवन पर पड़ने वाले गलत प्रभाव पर चर्चा की गयी है I
यह विचारणीय है कि यदि ये रोबोट्स मनुष्यों से अधिक समझदार हो गए तो क्या होगा ? क्या ये मानव जाति के भविष्य के लिए खतरनाक साबित होंगे या सहायक ? ये तो भविष्य में ही पता चल पायेगा I
प्रिय पाठकों आपलोगों को यह लेख कैसा लगा कमेंट करके जरुर बताएं और अच्छा लगा तो कृपया शेयर करना ना भूलें।