हर साल की तरह इस साल भी 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day 2023) मनाया जाएगा।
योग के महत्व और इसके स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल, International Yoga Day दुनिया भर में मनाया जाता है। International Yoga Day 2023 अब तक का 9वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस होगा।
योग भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न यंग है और इसके महत्व के बारे में हिन्दू ग्रंथों में भी बताया गया है। ‘योग’ शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के दो शब्दों ‘युज’ और ‘युजीर’ के मिलने से हुईं है। इसका अर्थ है ‘एक साथ’ या ‘एकजुट होना’।
हमारे योग गुरुओं के कारण इसका प्रचार-प्रसार विदेशों में भी हुआ है और उनकी दिनचर्या में भी योग का महत्व बढ़ गया है। क्योंकि योग ना केवल शरीर के लिए सेहतमंद है बल्कि इससे मस्तिष्क को एकाग्र रखा जा सकता है। योग मन को भी शांति पहुँचाता है।
योग के इसी महत्व को बताने और इसे अन्तराष्ट्रीय स्तर पर प्रसारित-प्रचारित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) की शुरुआत की गई। इससे लोगों के अंदर योग को लेकर जागरूकता भी फैल रही है। लोग इसके महत्व को जानने लगे हैं।
विशेषकर इसकी महत्ता तब और भी बढ़ी है जब लोग कोरोना महामारी के कारण सांस की समस्याओं से ज्यादा परेशान हुए हैं। साथ ही लॉकडाउन के कारण लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया था और लोगों ने अपने मन को शांत रखने के लिए भी योग का सहारा लिया।
लेकिन International Yoga Day की शुरुआत कब हुईं? इसे क्यों 21 जून को ही मनाते हैं? इस सभी प्रश्नों के जवाब इस लेख में दिया गया है।
तो आईए सबसे पहले जानते हैं International Yoga Day के इतिहास के बारे में।
International Yoga Day की शुरुआत कैसे हुई?
27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) मनाने की अवधारणा का प्रस्ताव रखा। 11 दिसंबर 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने स्वीकार कर लिया। साथ ही 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) के रूप में मनाने के प्रस्ताव को भी संयुक्त राष्ट्र महासभा के 177 देशों ने मंजूरी प्रदान कर दी। इस प्रस्ताव को देखने के लिए यहाँ क्लिक करें।
उसके बाद 21 जून 2015 को विश्व भर में पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) मनाया गया और इसमें 84 देशों के 35,985 लोगों और प्रतिनिधियों ने दिल्ली के राजपथ पर 21 योग आसन किए।
पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस अपने आप में एक रिकॉर्ड था। इस दिवस के आयोजन से संबंधित दो रिकॉर्ड गिनीज बुक में दर्ज किए गए। इसमें पहला रिकॉर्ड था 35,985 लोगों का साथ में योग करना और दूसरा रिकॉर्ड था 84 देशों के प्रतिनिधियों का एक साथ इस आयोजन में हिस्सा लेना।
21 जून को ही International Yoga Day क्यों मनाया जाता हैं?
अब प्रश्न यह उठता है कि 21 जून को ही International Yoga Day क्यों मनाया जाता है जबकि योग तो किसी भी दिन किया जा सकता है।
तो इसके पीछे एक महत्वपूर्ण कारण यह है कि उत्तरी गोलार्द्ध में 21 जून का दिन वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है। इस दिन को ग्रीष्म संक्रांति भी कहा जाता है। इस दिन के बाद सूर्य उत्तरायण से दक्षिणायन होने लगता है।
चूंकि 21 जून को सबसे लंबा दिन होता है तो सूर्य जल्दी निकलता है और देरी से डूबता है। जिसके कारण उस दिन सूर्य से बहुत ही अधिक ऊर्जा की प्राप्ति होती है और प्रकृति में सकारात्मक ऊर्जा का बहुत अधिक संचार रहता है।
कुछ लोगों का मानना है कि यह दिन सिद्धियाँ प्राप्त करने के लिए शुभ होता है।
International Yoga Day 2023 की थीम (Theme of International Yoga Day 2023)
International Yoga Day 2023 की थीम है “Yoga for Vasudhaiva Kutumbakam” जो “एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य” के लिए एक खूबसूरत संदेश देता है। इस साल इसी थीम के साथ पूरे विश्व में International Yoga Day 2023 मनाया जाएगा।
International Yoga Day 2023 का महत्व
इस वर्ष International Yoga Day 2023 का विशेष महत्व है क्योंकि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी 21 जून को मनाए जाने वाले 9वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में पहली बार योग सत्र का नेतृत्व करेंगे। जैसा कि आपको पता होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व स्तर पर योग को लोकप्रिय बनाने और अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की मान्यता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस कार्यक्रम में विभिन्न पृष्ठभूमियों के लोग एक मंच पर एक साथ आएंगे।
जीवन में योग का महत्व
आज की भाग -दौड़ वाली जिंदगी में स्वास्थ्य को संतुलित बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। लेकिन योग एक ऐसा अभ्यास है जिसके अपनाने से शारीरिक और मानसिक संतुलन बनाए रखा जा सकता है। योग हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने, हमारे मानसिक संतुलन बनाए रखने और आंतरिक शांति को बढ़ाने में मदद करता है।
नियमित योगाभ्यास से आपको निम्नलिखित लाभ मिल सकते हैं –
- नियमित योग अभ्यास से शारीरिक लचीलापन, शक्ति और संतुलन में वृद्धि होती है। यह मांसपेशियों को भी मजबूत करता है और स्थिरता एवं संतुलन को बढ़ाता है।
- योग आसन से शारीरिक मुद्रा(posture) में सुधार होता है और शरीर भी संरेखित (aligned) रहती है। जिसके कारण शरीर में तनाव दूर होता है। इस तरह योग का अभ्यास करके व्यक्ति बेहतर शारीरिक मुद्रा(posture) और संरेखण(alignment) प्राप्त कर सकता है।
- योग से हृदय भी स्वस्थ रहता है और फेफड़ों की कार्यक्षमता में सुधार होता है। साँस से संबंधित योग क्रियाओं से फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है और श्वसन क्रिया में सुधार सुधार होता है। यह परिसंचरण (circulation) में भी सुधार करता है, जिससे हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है।
- योग से मेटाबोलिज्म ठीक रहता है जिससे शरीर के वजन को भी नियंत्रित किया जा सकता है। इस तरह योग शरीर के सही वजन को बनाए रखने का एक शानदार तरीका है। यह कैलोरी बर्न करने, मांसपेशियों को टोन करने और मेटाबोलिज्म को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे प्रभावी weight management होता है।
- योग से तनाव, चिंता और अवसाद(depression) कम होता है। योग में विश्राम से संबंधित भी क्रियाएं शामिल हैं जो मन को शांत करती हैं और तनाव को कम करती हैं। नियमित रूप से योग अभ्यास से मन में शांति की भावना आती है, चिंता कम होती है और अवसाद के लक्षणों में भी कमी आती है।
- नियमित योग अभ्यास करने से अनिद्रा की समस्या कम होती है और नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है। यदि आप सोने से पहले योग का अभ्यास करते हैं तो बहुत ही अच्छी नींद आती है।
- योग प्रतिरक्षा प्रणाली (Immunity system) को बेहतर करता है, जिससे बीमारी को दूर करने में मदद मिलती है। यह पूरे शरीर में रक्त प्रवाह को बढ़ाता है जिससे ऊर्जा के स्तर में भी वृद्धि होती है।
- कुछ योगासन से आंतरिक अंगों का अभ्यास हो जाता है, इससे पाचनतंत्र में सुधार हो जाता है और आंत भी स्वस्थ रहते हैं।
- योग भावनात्मक संतुलन और स्थिरता को बढ़ावा देता है। सांस की गति से संबंधित योग क्रियाओं से भावनाओं को नियंत्रित किया जा सकता है और एक सकारात्मक भावनात्मक स्थिति विकसित की जा सकती है।
- नियमित योग अभ्यास से आत्मविश्वास में भी वृद्धि होती है।
यह भी पढ़ें - Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi Mera Bharat Mahan Essay in Hindi