केंद्र सरकार ने 14 जून 2022 को सेना के तीनों अंगों में युवाओं की भर्ती के लिए Agneepath Yojana 2022 के नाम से एक नई योजना लॉन्च की। Agneepath Yojana 2022 को रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कैबिनेट की सुरक्षा मामलों की समिति की बैठक में मंजूरी प्रदान की। इस बैठक में थल सेना, नौसेना और वायु सेना के प्रमुख भी मौजूद रहे।
जो युवा सेना में भर्ती होकर इस देश की सेवा करना चाहते हैं उनके लिए यह बहुत ही अच्छी खबर है। वो Agneepath Yojana 2022 के तहत सेना में ‘अग्निवीर’ के रूप में भर्ती होंगे और उन्हें सेना में सेवा का अवसर प्रदान किया जाएगा।
Agneepath Yojana 2022 में भर्ती प्रक्रिया
रक्षामंत्री के अनुसार Agneepath Yojana के तहत पहली भर्ती प्रक्रिया 90 दिनों के अंदर शुरू कर दी जाएगी और इस योजना के तहत भर्ती होने वाले अग्निवीरों का पहला बैच 2023 में आ जाएगा।
केंद्र सरकार के अनुसार इस योजना के तहत प्रत्येक साल 46000 युवाओं को बतौर अग्निवीर जवान के रूप में भर्ती किया जाएगा। नौसेना प्रमुख के अनुसार इन अग्निवीरों को नौसेना के जहाजों, पनडुब्बियों, Aircrafts आदि सभी जगहों पर तैनात किया जाएगा। महिलाओं अग्निवीरों की तैनाती बतौर सेलर के रूप में की जाएगी।
4 साल बाद अग्निवीर जवानों के कार्य की समीक्षा की जाएगी और सेना द्वारा बनाए मापदंडों पर खरा उतरने वाले जवानों को छोड़कर अधिकतर को सेवा से मुक्त कर दिया जाएगा।
Agneepath Yojana में भर्ती के लिए उम्र सीमा
इस योजना के तहत 10वीं और 12वीं पास 17.5 वर्ष से 21 वर्ष की आयु के युवा अग्निवीर पद के लिए आवेदन कर सकते हैं।
इस तरह इस योजना के द्वारा तीनों सेनाओं में युवाओं की अधिक भागीदारी होगी और सैनिकों की औसत उम्र 32 साल से घटकर 26 साल तक पहुंच जाएगी।
महिलाओं के लिए फिलहाल इस योजना के तहत किसी भी भर्ती की घोषणा नहीं की गई है। लेकिन भविष्य में लड़कियों के लिए भी इस योजना के तरह तीनों सेनाओं थल सेना, नौसेना और वायुसेना में अग्निवीर के रूप में भर्ती के उचित मौके मिलेंगे।
इस योजना की खास बात यह है कि इसके तहत अग्निवीरों की भर्ती किसी विशेष रेजिमेंट की जगह राष्ट्रीय स्तर पर की जाएगी।
अग्निवीरों को कितनी मिलेगी सैलरी
केंद्र सरकार के अनुसार Agneepath Yojana के तहत युवाओं को पहले साल 4.76 लाख का सालाना पैकेज दिया जाएगा और अंतिम साल यानि चौथे साल में यह पैकेज बढ़कर 6.92 लाख सालाना हो जाएगा।
पहले साल में अग्निवीरों की मासिक सैलरी 30000 रुपए होगी। इस सैलरी में से 30 प्रतिशत भाग यानि 9000 रुपए प्रत्येक माह कटौती करके PPF में जमा किया जाएगा और इतनी ही राशि यानि 9000 रुपये सरकार की तरफ से भी अग्निवीरों के PPF खाते में अंशदान दिया जाएगा।
इस तरह एक अग्निवीर की सैलरी में से पूरी कटौती होने के बाद उसके हाथ में 21000 रुपए प्रति माह मिलेंगे। अगले साल उसकी सैलरी में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी जाएगी और इस तरह यह बढ़ोतरी प्रतिवर्ष की जाएगी। आखरी साल यानि चौथे साल में उस अग्निवीर को प्रति माह 40000 रुपए सैलरी के रूप में मिलेंगे। लेकिन इसमें से PPF खाते में जमा करने के लिए राशि काट ली जाएगी।
चार साल नौकरी करने के बाद जब अग्निवीर नौकरी छोड़ेंगे तो उन्हें रिटायरमेंट निधि के रूप में एकमुश्त 11.71 लाख रुपए मिलेंगे। उनके लिए अच्छी बात यह होगी कि इस राशि उन्हें किसी भी तरह का कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा। इस तरह इस योजना में किसी भी तरह की पेंशन योजना लागू नहीं होगी।
हार्डशिप भत्ता: यदि अग्निवीरों की पोस्टिंग मुश्किल जगहों पर होती है तो सेना के अन्य जवानों की तरह उन्हें भी हार्डशिप वाले भत्ते मिलेंगे।
बीमा कवर: Agneepath Yojana के तहत अग्निवीरों को चार साल के लिए 48 लाख रुपये का जीवन बीमा कवर भी मिलेगा। चार साल की सेवा के दौरान मृत्यु के मामले में भुगतान न किए गए कार्यकाल के लिए वेतन सहित 1 करोड़ रुपये मुआवजे के तौर पर मिलेंगे।
Training
Agneepath Yojana के तहत शॉर्ट टर्म सर्विस के लिए ही युवाओं की नियुक्ति की जाएगी और अधिकतर अग्निवीरों को चार साल बाद सेवा से मुक्त कर दिया जाएगा। इसीलिए इतने छोटे कार्यकाल को देखते हुए उनकी ट्रैनिंग केवल दस सप्ताह से लेकर छह महीने तक ही होगी।
Tour of Duty और Agnipath योजना
जैसा कि आपको पता होगा कि इंडियन आर्मी में दो तरह से नियुक्तियाँ होती हैं- एक है Permanent Commission और दूसरा है Short Service Commission
Permanent Commission में रैंक के अनुसार आर्मी में नौकरी करने के लिए उम्र निर्धारित होती है। जैसे कि जवानों के लिए यह 38 से 40 साल की उम्र तक, ऑफिसर रैंक वालों को 54 से 55 साल की उम्र तक और कर्नल से ऊपर रैंक वालों को 60 साल की उम्र तक आर्मी में नौकरी करने का मौका मिलता है।
इन Permanent Commission से रिटायर हुए आर्मी मेन को सरकार की तरफ से पेंशन देने का प्रावधान है।
Short Service Commission के तहत भर्ती हुए जवानों को 10 से 15 साल तक सेना में नौकरी करनी होती है। उसके बाद इन्हें रिटायर कर दिया जाता है। साथ ही इन्हें भी पेंशन दिया जाता है।
लेकिन Tour of Duty के तहत भर्ती किए गए जवानों को 3 से 4 साल नौकरी करने के बाद रिटायर कर दिया जाता है और इन्हें किसी भी तरह का पेंशन भी नहीं दिया जाता है।
अग्निपथ योजना के तहत भर्ती किए गए जवान भी Tour of Duty के अंतर्गत आएंगे। इन्हें सेनाओं में केवल चार साल सेवा देने का मौका मिलेगा और उसके बाद इनमें से 75 प्रतिशत जवानों को बाहर कर दिया जाएगा।
और जैसा कि ऊपर बताया गया है कि इन्हें किसी भी तरह के पेंशन का लाभ भी नहीं मिलेगा।