राष्ट्रीय खेल दिवस 2023 : थीम, इतिहास और महत्व (National Sports Day 2023)

भारत में हर साल 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य खेलों के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना और देश के युवाओं को खेल के प्रति प्रेरित करना है।

राष्ट्रीय खेल दिवस का आयोजन युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय (Ministry of Youth Affairs and Sports) के अधीन किया जाता है। यह मंत्रालय इस दिन विभिन्न प्रकार के खेल कार्यक्रमों का आयोजन करता है और अधीनस्थ संस्थाओं को खेल गतिविधियों में भाग लेने के लिए निर्देशित भी करता है।

राष्ट्रीय खेल दिवस के दिन ही खेल क्षेत्र से संबंधित महत्वपूर्ण पुरस्कारों की घोषणा भी की जाती है। ये खेल पुरस्कार उन खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों को प्रदान किया जाता है जिन्होंने किसी खेल में उल्लेखनीय प्रदर्शन किया हो या किसी खिलाड़ी को राष्ट्रीय स्तर पर उभारा हो।

इस लेख में हम बताने वाले हैं कि राष्ट्रीय खेल दिवस क्यों मनाया जाता है और इसकी शुरुआत कैसे हुई। साथ ही राष्ट्रीय खेल दिवस के दिन दिए जाने वाले पुरस्कारों के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।

Table of Contents

राष्ट्रीय खेल दिवस (National Sports Day) का इतिहास

major dhyanchand
Major Dhyanchand

2012 में, भारत सरकार ने मेजर ध्यानचंद की जयंती को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया। मेजर ध्यानचंद भारत के महानतम हॉकी खिलाड़ियों में से एक थे। उन्होंने 1928, 1932 और 1936 के ओलंपिक में भारत को स्वर्ण पदक दिलाया था। मेजर ध्यानचंद को “हॉकी का जादूगर” भी कहा जाता है।

राष्ट्रीय खेल दिवस का महत्व

राष्ट्रीय खेल दिवस एक महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि यह हमें खेलों के महत्व के बारे में याद दिलाता है। खेल हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। वे हमें स्वस्थ रहते हैं, मानसिक तनाव को कम करते हैं, और हमें आत्मविश्वास बढ़ाते हैं।

खेल हमें टीम वर्क, नेतृत्व, और अनुशासन के मूल्यों को भी सिखाते हैं। ये मूल्य जीवन में सफल होने के लिए आवश्यक हैं।

राष्ट्रीय खेल दिवस का उद्देश्य देश के युवाओं को खेल के प्रति प्रेरित करना है। खेल युवाओं को स्वस्थ रहने और जीवन में सफल होने के लिए आवश्यक कौशल विकसित करने में मदद कर सकते हैं।

राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर भारत सरकार विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करती है। इन कार्यक्रमों में खेल पुरस्कारों का वितरण, खेल प्रदर्शनियाँ, और खेलकूद प्रतियोगिताएँ शामिल हैं।

राष्ट्रीय खेल दिवस का महत्व बढ़ाने के लिए, हमें अपने बच्चों को खेल के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। हम उन्हें खेल क्लबों और स्कूल टीमों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं। हम उन्हें खेल के बारे में किताबें और पत्रिकाएँ पढ़ने के लिए भी प्रोत्साहित कर सकते हैं।

खेल हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। वे हमें स्वस्थ और खुश रहने में मदद करते हैं। राष्ट्रीय खेल दिवस हमें खेलों के महत्व के बारे में याद दिलाता है और हमें उन्हें अपने जीवन में शामिल करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

राष्ट्रीय खेल दिवस 2023 थीम (Theme of National Sports Day 2023)

इस साल राष्ट्रीय खेल दिवस 2023 की थीम है – “Sports as an enabler for an inclusive and fit society.”

खेलों के लाभ

खेल हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए कई लाभ प्रदान करते हैं। वे हमें स्वस्थ रहते हैं, मानसिक तनाव को कम करते हैं, और हमें आत्मविश्वास बढ़ाते हैं।

खेल हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए निम्नलिखित लाभ प्रदान करते हैं:

  • वे हमें स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद करते हैं।
  • वे हमें हृदय रोग, स्ट्रोक, मधुमेह, और अन्य पुरानी बीमारियों के जोखिम को कम करते हैं।
  • वे हमारी हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत करते हैं।
  • वे हमारी समग्र शारीरिक फिटनेस में सुधार करते हैं।

खेल हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए निम्नलिखित लाभ प्रदान करते हैं:

  • वे मानसिक तनाव को कम करते हैं।
  • वे हमें बेहतर नींद लेने में मदद करते हैं।
  • वे हमारे मूड को बेहतर बनाते हैं।
  • वे हमें आत्मविश्वास बढ़ाते हैं।
  • वे हमें सामाजिक संबंध विकसित करने में मदद करते हैं।

खेलों के मूल्य

खेल हमें टीम वर्क, नेतृत्व, और अनुशासन के मूल्यों को भी सिखाते हैं। ये मूल्य जीवन में सफल होने के लिए आवश्यक हैं।

टीम वर्क हमें यह सिखाता है कि दूसरों के साथ काम करना और एक साथ लक्ष्य प्राप्त करना महत्वपूर्ण है।

नेतृत्व हमें यह सिखाता है कि दूसरों को प्रेरित और मार्गदर्शन कैसे किया जाए।

अनुशासन हमें यह सिखाता है कि लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत और समर्पण करना महत्वपूर्ण है।

राष्ट्रीय खेल दिवस का महत्व बढ़ाने के लिए सुझाव

राष्ट्रीय खेल दिवस का महत्व बढ़ाने के लिए, हम निम्नलिखित सुझावों को अपना सकते हैं:

  • अपने बच्चों को खेल के लिए प्रोत्साहित करें।
  • उन्हें खेल क्लबों और स्कूल टीमों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करें।
  • उन्हें खेल के बारे में किताबें और पत्रिकाएँ पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें।
  • अपने समुदाय में खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन करें।

मेजर ध्यानचंद की संक्षिप्त जीवनी

मेजर ध्यानचंद भारत के महानतम हॉकी खिलाड़ियों में से एक थे। उनका जन्म 29 अगस्त, 1905 को इलाहाबाद ( वर्तमान में प्रयागराज) में हुआ था। उन्होंने अपने करियर में 400 से अधिक गोल किए और भारत को ओलंपिक में तीन स्वर्ण पदक दिलाए। मेजर ध्यानचंद की खेल प्रतिभा और उपलब्धियों ने उन्हें दुनिया भर में प्रसिद्धि दिलाई।

मेजर ध्यानचंद का बचपन इलाहाबाद में बीता। उनके पिता ब्रिटिश भारतीय सेना में एक सूबेदार थे। ध्यानचंद ने बचपन से ही हॉकी खेलना शुरू कर दिया था। उनकी खेल प्रतिभा जल्द ही सामने आई और उन्हें भारतीय सेना की हॉकी टीम में शामिल किया गया।

मेजर ध्यानचंद ने 1928 में पहली बार ओलंपिक में भाग लिया। उन्होंने ओलंपिक में भारत को अपना पहला स्वर्ण पदक दिलाया। 1932 में, उन्होंने ओलंपिक में भारत को अपना दूसरा स्वर्ण पदक दिलाया। 1936 में, उन्होंने ओलंपिक में भारत को अपना तीसरा और अंतिम स्वर्ण पदक दिलाया।

मेजर ध्यानचंद एक अद्भुत खिलाड़ी थे। वे गेंद को इतनी आसानी से नियंत्रित कर सकते थे कि उन्हें “हॉकी का जादूगर” कहा जाता था। वे अपनी टीम के लिए एक प्रेरणा थे और उन्होंने भारत को हॉकी में एक प्रमुख शक्ति बनाने में मदद की। उन्होंने भारत के लिए 185 हॉकी मैचों का प्रतिनिधित्व किया।

मेजर ध्यानचंद की खेल प्रतिभा और उपलब्धियों को देखते हुए, उन्हें भारत का सबसे बड़ा खेल नायक माना जाता है। उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।

मेजर ध्यानचंद की कुछ प्रमुख उपलब्धियाँ निम्नलिखित हैं:

  • 1928, 1932 और 1936 के ओलंपिक में भारत को स्वर्ण पदक दिलाया।
  • 1932 में, ओलंपिक में सर्वोच्च स्कोरर थे।
  • 1933 में, “द जादूगर ऑफ हॉकी” पुस्तक प्रकाशित हुई।
  • 1956 में, भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
  • वर्ष 2002 में भारत सरकार ने नई दिल्ली के नेशनल स्टेडियम का नाम बदलकर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम कर दिया।

मेजर ध्यानचंद के नाम पर कई पुरस्कार और प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाती हैं। उनके सम्मान में, भारत सरकार ने 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस घोषित किया है।

राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर दिया जाने वाले पुरस्कार

राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर देश के राष्ट्रपति द्वारा निम्नलिखित पुरस्कार वितरित किए जाते हैं।

मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार

भारत के सर्वोच्च खेल सम्मान माने जाने वाले खेल रत्न पुरस्कार की स्थापना 1991-92 में हुई थी। पहले इस पुरस्कार का नाम “राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार” था। 2021 में इसका नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कर दिया गया।

यह पुरस्कार चार वर्षों की अवधि में खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रदान किया जाता है और विजेताओं को एक पदक, एक प्रमाण पत्र और 25 लाख रुपए का नकद पुरस्कार दिया जाता है। यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष किसी एक व्यक्ति को दिया जाता है।

भारतीय शतरंज ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद पहले खेल रत्न विजेता थे। अन्य विजेताओं में एम.सी. मैरी कॉम, पीवी सिंधु, साइना नेहवाल, विजेंदर सिंह, सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली जैसी कई दिग्गज खेल हस्तियां शामिल हैं।

अर्जुन पुरस्कार

अर्जुन पुरस्कार की स्थापना 29 अगस्त, 1961 को हुई थी। इस पुरस्कार का नाम प्राचीन भारत के महान धनुर्धर अर्जुन के नाम पर रखा गया है। अर्जुन पुरस्कार भारत का दूसरा सबसे बड़ा खेल सम्मान है। खेल रत्न के अस्तित्व में आने से पहले यह भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान था।

यह पुरस्कार खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दिया जाता है। यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष 15 खिलाड़ियों को दिया जाता है।

चार वर्षों की अवधि में लगातार अच्छे प्रदर्शन के लिए दिए जाने वाले अर्जुन पुरस्कार के विजेताओं को अर्जुन की एक प्रतिमा, एक प्रमाण पत्र और 5 लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाता है।

हॉकी खिलाड़ी अन्ना लम्सडेन अर्जुन पुरस्कार जीतने वाली पहली महिला थीं।

द्रोणाचार्य पुरस्कार

भारत के खेल क्षेत्र में प्रशिक्षकों (Coach) को प्रदान किया जाने वाला यह सर्वोच्च खेल सम्मान है। यह पुरस्कार खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रशिक्षण के लिए दिया जाता है। यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष 10 कोचों को दिया जाता है। द्रोणाचार्य पुरस्कार हाल की उपलब्धियों और आजीवन योगदान दोनों के लिए दिया जाता है।

द्रोणाचार्य पुरस्कार की स्थापना 29 अगस्त, 1985 को हुई थी। इस पुरस्कार का नाम महाभारत के महान शिक्षक द्रोणाचार्य के नाम पर रखा गया है।

2002 में द्रोणाचार्य पुरस्कार जीतने वाली पहली महिला एथलेटिक्स कोच रेनू कोहली थीं।

द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्त करने वाले कोचों को 15 लाख रुपये का नकद पुरस्कार, एक प्रशस्ति पत्र, और द्रोणाचार्य की कांस्य प्रतिमा दी जाती है।

मेजर ध्यानचंद पुरस्कार

मेजर ध्यानचंद पुरस्कार खेलों में आजीवन योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित करने के लिए भारत सरकार के युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा 2002 में स्थापित किया गया था। इस पुरस्कार का नाम महान भारतीय फील्ड हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखा गया है, जिन्हें सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में से एक माना जाता है।

यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष एक व्यक्ति को दिया जाता है। विजेताओं को एक ध्यानचंद प्रतिमा, एक प्रमाण पत्र और 10 लाख रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान किया जाता है।

ओलंपियन मुक्केबाज शाहूराज बिराजदार, पुरुष हॉकी खिलाड़ी अशोक दीवान और भारतीय महिला बास्केटबॉल खिलाड़ी अपर्णा घोष, मेजर ध्यानचंद पुरस्कार के पहले प्राप्तकर्ता थे।

राष्ट्रीय खेल दिवस से संबंधित FAQs

राष्ट्रीय खेल दिवस कब मनाया जाता है?

उत्तर: राष्ट्रीय खेल दिवस 29 अगस्त को मनाया जाता है।

राष्ट्रीय खेल दिवस किसके नाम पर मनाया जाता है?

उत्तर: राष्ट्रीय खेल दिवस मेजर ध्यानचंद के नाम पर मनाया जाता है। मेजर ध्यानचंद भारत के महान हॉकी खिलाड़ी थे। उन्होंने 1928, 1932 और 1936 के ओलंपिक में भारत को स्वर्ण पदक दिलाया था। उन्हें “हॉकी का जादूगर” कहा जाता है।

मेजर ध्यानचंद का जन्म कब हुआ था?

मेजर ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त, 1905 को इलाहाबाद में हुआ था।

मेजर ध्यानचंद को भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से कब सम्मानित किया गया था।

मेजर ध्यानचंद को1956 में, भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।

राष्ट्रीय खेल दिवस की शुरुआत किस वर्ष हुई?

भारत सरकार द्वारा 2012 में मेजर ध्यानचंद की जयंती को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत हुई।

राष्ट्रीय खेल दिवस से संबंधित परीक्षोपयोगी MCQs

  1. भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस कब मनाया जाता है?
    (a) 26 जनवरी
    (b) 15 अगस्त
    (c) 29 अगस्त
    (d) 16 दिसंबर
    उत्तर: (c) 29 अगस्त
  2. राष्ट्रीय खेल दिवस किसके नाम पर मनाया जाता है?
    (a) मेजर ध्यानचंद
    (b) सचिन तेंदुलकर
    (c) महेंद्र सिंह धोनी
    (d) इनमें से कोई नहीं
    उत्तर: (a) मेजर ध्यानचंद
  3. मेजर ध्यानचंद ने ओलंपिक में कितने स्वर्ण पदक जीते?
    (a) 1
    (b) 2
    (c) 3
    (d) 4
    उत्तर: (c)
  4. मेजर ध्यानचंद का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
    (a) 29 अगस्त, 1905, इलाहाबाद
    (b) 29 अगस्त, 1915, दिल्ली
    (c) 29 अगस्त, 1925, मुंबई
    (d) 29 अगस्त, 1935, चेन्नई
    उत्तर: (a) 29 अगस्त, 1905, इलाहाबाद
  5. मेजर ध्यानचंद को भारत सरकार द्वारा कौन-सा पुरस्कार दिया गया था?
    (a) पद्म श्री
    (b) पद्म भूषण
    (c) पद्म विभूषण
    (d) भारत रत्न
    उत्तर: (b)
  6. राष्ट्रीय खेल दिवस मनाने का उद्देश्य क्या है?
    (a) देश के युवाओं को खेल के प्रति प्रेरित करना
    (b) खेलों के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना
    (c) दोनों (a) और (b)
    (d) इनमें से कोई नहीं
    उत्तर: (c) दोनों (a) और (b)

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