पहले अंक से यह भी पता चलता है कि क्रेडिट या डेबिट कार्ड किस कार्ड नेटवर्क का है। जैसे 3 – Amex Credit Cards, 4 – Visa Cards और 5 – MasterCard
दूसरे से छ्ठवे अंक तक की संख्या से जारीकर्ता बैंक का नाम, कार्ड के प्रकार (credit, debit या prepaid ), देश का नाम, कार्ड के लेवल जैसे गोल्ड, सिल्वर, प्लेटिनम, बिजनेस आदि के बारे में पता चलता है।
7वें से लेकर 15वें अंक तक का नंबर कार्ड होल्डर के लिए एक यूनीक अकाउंट नंबर होता है। इस नंबर के द्वारा बैंक को अपने उपभोक्ताओं को पहचानने में आसानी होती है।
16वां अंक Check Digit के नाम से जाना जाता है। इस अंक से यह पता चलता है कि कार्ड वैध है या नहीं। इस अंक को Luhn Algorithm के एक फॉर्मूले से प्राप्त किया जाता है।
Luhn Algorithm शुरुआत के 15 अंकों पर लगाया जाता है। उसके बाद यदि प्राप्त अंक 16वें अंक के बराबर होता है तो कार्ड वैध है अन्यथा नहीं।
इस तरह क्रेडिट और डेबिट कार्ड पर छपे 16 अंकों की संख्या में कई सारी महत्वपूर्ण जानकारियाँ छुपी होती हैं।