उन्होंने Mount Carmel College, Bangalore से स्नातक की डिग्री और गवर्नमेंट लॉ कॉलेज, बैंगलोर से कानून की डिग्री हासिल की।
मारग्रेट अल्वा ने सन 1969 में राजनीतिक के क्षेत्र में कदम रखा। अप्रैल 1974 में उन्हें राज्यसभा के लिए चुना गया।
मार्गरेट 1974 से 2004 तक पाँच बार सांसद रहीं और वह चार बार महत्वपूर्ण महकमों की राज्यमंत्री भी रह चुकी हैं।
अल्वा 1974 में राज्य सभा में 6 साल का कार्यकाल पूरा किया और पुनः लगातार तीन बार क्रमशः 1980, 1986 और 1992 में राज्यसभा के लिए चुनी गईं।
राज्यसभा में अपने कार्यकाल के दौरान वह 1983 से 1985 तक राज्यसभा उपाध्यक्ष और 1984 से 1985 तक संसदीय मामलों के मंत्रालयों में केंद्रीय राज्य मंत्री रहीं।
वह 6 अगस्त 2009 को उत्तराखंड की पहली महिला राज्यपाल बनीं। बाद में वह राजस्थान, गुजरात और गोवा की भी राज्यपाल रहीं।
जब मारग्रेट अल्वा राजस्थान की राज्यपाल थीं तो उस समय 2012 के लिए उन्हें Mercy Ravi Award के लिए चुना गया था।